The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Dadri greater noida, man returned purse to owner lady after 8 months of search

लॉकडाउन में सड़क पर मिला पर्स, 8 महीने बाद मालिक को खोजकर लौटाया

पर्स में डॉक्युमेंट्स, रुपये और गहने भी थे.

Advertisement
Img The Lallantop
जुबैर को सड़क पर पर्स मिलने के बाद से ही वह उसकी मालकिन को खोज रहे थे. 8 महीने बाद महिला को उनका पर्स वापिस मिला.
pic
अमित
18 दिसंबर 2020 (Updated: 18 दिसंबर 2020, 07:44 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
ग्रेटर नोएडा के दादरी कस्बे में एक युवक की ईमानदारी की कहानी सुनकर लोग हैरान हैं. आपने किसी का गुम हुआ सामान 2-4 दिन में उसके मालिक को लौटाने के किस्से तो सुने होंगे. इस बार ईमानदारी नेक्सट लेवल की है. एक बंदे को रास्ते में सामान पड़ा मिला, उसने उसके मालिक को खोजकर 8 महीने बाद वापस किया.
सड़क पर मिला था पर्स आजतक संवाददाता भूपेंद्र चौधरी के अनुसार,  दादरी के जुबेर मलिक नामक युवक को करीब 8 महीने पहले सड़क पर एक लेडीज पर्स मिला था. पर्स में दस्तावेजों के अलावा रुपए और गहने भी थे. पता चला कि पर्स आदेश नाम की महिला का था. दस्तावेजों से काफी कोशिशों के बाद पर्स की मालकिन के बारे में पता चला. जुबैर ने आदेश से संपर्क किया. बुधवार को महिला अपने पति के साथ दादरी पहुंची. पर्स में रखे दस्तावेज, रुपए और गहने जुबैर ने आदेश को सौंप दिए. इसके बाद दोनों इतने भावविभोर हुए कि एक-दूसरे के मुंह बोले भाई-बहन बन गए.
लॉकडाउन में पैदल घर जाते वक्त गिरा था पर्स लॉकडाउन के शुरूआती दौर में लाखों लोग पैदल अपने घर की तरफ चल दिए थे. उस दौरान आदेश का लेडीज पर्स ग्रेटर नोएडा के दादरी कस्बे में गिर गया. पर्स जुबेर को मिला. पर्स में आधारकार्ड, पैनकार्ड, बैंक अकाउंट की पासबुक, साढ़े 6 हजार रुपये नगद, कानों की सोने की झुमकी, मंगलसूत्र, अंगूठी, चांदी की पायल थीं. पर्स में कोई टेलीफोन या मोबाइल नम्बर नहीं मिला था. इस वजह से जुबैर किसी से संपर्क नहीं कर पा रहा था. आधार कार्ड और पैनकार्ड पर एटा मैनपुरी का पता लिखा हुआ था. बैंक पासबुक पर सलारपुर भंगेल का पता था. जुबैर भंगेल सलारपुर पहुंचा. वहां के पते पर उसे आदेश की कोई जानकारी नहीं मिली है. लेकिन जुबेर ने हार नहीं मानी. आखिर में बड़ी मुश्किल से डॉक्युमेंट्स से उसे एक मोबाइल नंबर मिला.
लॉकडाउन की मार मजदूरों पर सबसे ज्यादा पड़ी है. उनके पास न तो रोजगार है और न गुजारा करने के लिए पैसे. (Photo: PTI)
लॉकडाउन के वक्त बहुत से लोग पैदल ही अपने घर की तरफ निकल पड़े थे, उस दौरान ही आदेश नाम की महिला का पर्स रास्ते में गिर गया था.(Photo: PTI)

इस नंबर पर कॉल की तो जुबेर का संपर्क आदेश के पति से हुआ. जुबेर ने उन्हें बताया कि उनकी पत्नी का जो पर्स खोया है, वो दादरी में है. आएं और ले जाएं, अगर न आ सकें तो बताएं, हम आपके पते पर दे जाएंगे. आदेश अपने भाई और पति के साथ दादरी आईं.आसपड़ोस के एक-दो जिम्मेदार व्यक्तियों को बुलाकर जुबैर ने आदेश को उनका पर्स सौंप दिया. आदेश ने अपने पर्स में सामान चेक किया. जब उन्होंने अपने पैसे गिने तो आंखों में आंसू आ गए. उन्हें यकीन नही हो रहा था कि आज भी इतने ईमानदार लोग हैं. उनके पर्स में सबकुछ वैसा ही था, जैसा आदेश ने रखा था. उन्होंने इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों को अपना मुंहबोला भाई बना लिया. वापस जाते वक्त आदेश ने 2100 रुपये जुबेर के बच्चों को देने चाहे, लेकिन जुबेर ने लेने से मना कर दिए.

Advertisement