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इस IPS की ये बातें मान लीं तो साइबर फ्रॉड के जाल में नहीं फंसेंगे!

IPS शक्ति अवस्थी ने लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने के लिए अहम जानकारी साझा की है

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सांकेतिक फोटो (इंडिया टुडे)
28 फ़रवरी 2022 (Updated: 28 फ़रवरी 2022, 13:58 IST)
Updated: 28 फ़रवरी 2022 13:58 IST
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कोरोना महामारी के दौरान बीते दो सालों में ज्यादातर लोगों ने अपना समय फोन या लैपटॉप पर बिताया. इसी दौरान साइबर क्राइम (Cyber Crime) या ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाओं में काफी तेजी आई. अब कोरोना की मार काफी हल्की हो चुकी है, लेकिन ये घटनाएं अभी भी जारी हैं. साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को अभी भी अपने जाल में फंसा रहे हैं. लोगों को इन ठगी के मामलों से सचेत करने के लिए आईपीएस अधिकारी शक्ति अवस्थी ने अपने ट्विटर अकाउंट से कई ट्वीट किए हैं. इनमें उन्होंने बताया है कि हर रोज वे किस तरह के साइबर मामलों को देख रहे हैं. ऐसे साइबर ठगी के मामलों से लोगों को बचाने के मकसद से उन्होंने कुछ 15 तरह के साइबर अपराधों के बारे में बताया है.
शक्ति अवस्थी ने अपने ट्वीट में लिखा है,
"(ट्वीट्स के) इस थ्रेड के जरिए आपको कुछ ऐसे साइबर फ्रॉड के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिनका इन दिनों चलन है, और आए दिन मैं इनका सामना करता हूं."
इसके बाद शक्ति अवस्थी ने एक-एक कर कई तरह के साइबर फ्रॉड की जानकारी दी है.
1. अनजान नंबर से आपको एक वीडियो कॉल किया जाएगा, जिसमें दूसरी तरफ एक नग्न व्यक्ति होगा. ये आपके कॉल की रिकॉर्डिंग कर लेंगे और बाद में आपको सेक्सटॉर्शन और पैसों के लिए ब्लैकमेल किया जाएगा.
2. जंगल सफारी और किसी धार्मिक स्थल की यात्रा के लिए हेलिकाप्टर की ऑनलाइन बुकिंग के मामलों में तेजी आई है. इंटरनेट पर ऐसी कई वेबसाइट मौजूद हैं जो ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी करती हैं. अक्सर इनके नाम भी मिलते-जुलते होते हैं. फ्रॉड से बचने के लिए पेमेंट करने से पहले वेबसाइट के अड्रेस को चेक कर लें.
3. वैक्सनैशन सर्वे के नाम पर लोगों के मोबाइल पर ऐसे लिंक्स भेजे जाते हैं, जिन पर क्लिक करने से आपके मोबाइल को रिमोट एक्सेस पर चलाया जा सकता है और उससे जरूरी जानकारी चुरा ली जाती है.
4. कॉल मर्ज करने वाला फ्रॉड: लोगों को कॉल कर साथ में उनके वाट्सऐप में लॉगिन किया जाता है, लॉगिन के लिए OTP आने पर ये ठग "receive via call" के ऑप्शन पर क्लिक करते हैं, कॉल आने पर उसे मर्ज कर किसी सीनियर अधिकारी से बात करने के लिए कहते हैं.
5. ब्लू बगर जैसे एप्स का इस्तेमाल ब्लूटूथ हैकिंग के लिए किया जा रहा है. इन एप्स के जरिए आपने मोबाइल को आसानी से एक्सेस किया जा सकता है. ऐसा अक्सर रेस्टोरेंट, कैफे, पार्क जैसी जगहों पर होता है, क्योंकि वहां अमूमन लोगों के फोन का ब्लूटूथ चालू रहता है.
6. वॉयस मेल-ईमेल फ्रॉड: जहां "Preview voicemail" पर क्लिक करने से फर्जी वेबसाइटें खुलती हैं.
ट्विटर पर लोगों द्वारा शेयर की गई तस्वीरें
ट्विटर पर लोगों द्वारा शेयर की गई तस्वीरें

7. इंटरनेट पर मौजूद फर्जी कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करने पर, कस्टमर एजेंट आपको AnyDesk जैसे ऐप को इंस्टॉल करने को कहता है. ऐसे ऐप्स के जरिए आपके मोबाइल की जरूरी जानकारी और OTP आसानी से ऑनलाइन ठगी करने वालों के हाथ लग सकते हैं.
8. डोमीनोस और मैकडोनाल्ड के नाम पर कई फर्जी ऐप मौजूद हैं, जो ऑनलाइन खाने के ऑर्डर पर भारी डिस्काउंट का वादा करते हैं.
9. imobile से मिलती-जुलती नाम वाली साइटें मौजूद हैं, जो इनकम टैक्स फाइलिंग के नाम पर फर्जीवाडा करती हैं. अपने मुताबिक ये टैक्स की रकम वसूलते हैं, जिससे लोगों को नुकसान होता है.
10. फ्री कोविड टेस्ट फ्रॉड: पैसों की ठगी करने के लिए यूजर्स को टैक्स के तौर पर कुछ पैसे जमा करने के लिए कहा जाता है या उन्हें किसी ऐप को इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है, जिससे रिमोट एक्सेस के जरिए उनके पैसे उड़ा लिए जाते हैं.
11. रियल एस्टेट ऐप्स पर मौजूद फर्जी प्रॉपर्टी मालिक, खुद को किरायेदार बताकर लोगों से एड्वांस में पैसे मांगते हैं.
12. ई-सिम फ्रॉड: ठगों द्वारा आपके सिम को ई-सिम में कन्वर्ट करने के लिए कॉल किया जाता है, और इसे चालू करने के लिए एक QR कोड स्कैन करने के लिए कहा जाता है. इस कोड को स्कैन करते ही, फर्जी लिंक खुलते हैं.
13. क्रिप्टों एक्सपर्ट बनकर ठग IDO (Initial Dex offering) and ICO (Initial Coin Offering) भेजते हैं, यूजर्स के पैसा लगाने पर इनको निजी क्रिप्टों वॉलेट से जोड़ दिया जाता है.
14. साइबर ठग Olx जैसी साइटों पर आर्मी या अर्धसैनिक अधिकारियों के फर्जी आइडी कार्ड पोस्ट कर विश्वास दिलाने के लिए ये कहते हैं कि वह एक ऐसी नौकरी में है जिसमें तबादले होते हैं. ऐसा कहकर एड्वांस में पैसे मांगते हैं और सामान की कभी भी डिलीवरी नहीं की जाती.
15. इंस्टाग्राम और फेसबुक पर बड़ा डिस्काउंट देने का वादा करने वाली ई-कॉमर्स साइटों के ऐड चलाए जाते हैं. इनमें से ज्यादातर फर्जी हैं. किसी साइट का पता लगाने के लिए कि वह फर्जी है या नहीं आप कैश ऑन डेलीवेरी का ऑप्शन चुनिये. ज्यादातर फर्जी साइटों पर ये ऑप्शन मिलता ही नहीं है.

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