इंदौर, रीवा और सतना में लोकायुक्त पुलिस ने रेड मारी. वहां से निकला कारूं का खजाना. सॉरी अरुन का खजाना. अरुण सिंह पुलिस का वो हेड कांस्टेबल है जो कांस्टेबली की नौकरी से आज करोड़पति नहीं अरबपति है.
अरुण सिंह का ट्रांसफर 3 महीने पहले हुआ जबलपुर में. लेकिन वो अपनी नई पोस्टिंग पर नहीं पहुंचा. RTO ऑफिस ने तंग आकर कंप्लेन कर दी भोपाल ऑफिस में. इससे पहले साहब सेंधवा बॉर्डर पर तैनात थे. माल कूटने की ढेर सारी शिकायतें मिल रही थी. 32 साल की सर्विस में सरकार से तनख्वाह उठाई होगी कोई 50 लाख. लेकिन आज उसकी संपत्ति करोड़ों में है.
रेड शुरू हुई इंदौर के अन्नपूर्णा में एक आलीशान तीन मंजिला कोठी से. वहां 6000 स्क्वायर फिट के 2 प्लॉट्स के कागजात मिले. उसके अलावा और फॉर्महाउस जो बीवी के नाम पर है. 2 और फ्लैट्स बेटे के नाम पर. कुल मिला कर 5 घर और 6 प्लॉट निकले कांस्टेबल साहब की अंटी से.
अभी गिनती खत्म नहीं हुई. 3 कारें एक बड़ी गाड़ी यानी SUV. बैंक लॉकर से एक रिवाल्वर प्लस उसके कारतूस. 132 ग्राम सोना, 2 किलो चांदी और लाखों के जेवरात. इत्ता सब रिकवर करने और सील करने में ही लोकायुक्त साहब के पसीने निकल गए होंगे. फिलहाल अरुण साहब धर लिए गए हैं और चलेगा उन पर आय से अधिक संपत्ति बनाने का केस.