कांग्रेस के लिए बड़ा सुहाना दिन था आज. 131वां बर्थडे जो है पार्टी का. सोनिया गांधी ने सुबह सुबह कांग्रेस का झंडा फहराया. राहुल गांधी और मनमोहन सिंह ने बच्चों को लड्डू बांटे.
https://twitter.com/INCIndia/status/681344387528454144
पर बर्थडे के मीठे मीठे लड्डुओं में निकल आये कंकड़. जब कांग्रेस की अपनी ही मैगजीन ने उनकी लगा दी. अपनी ही पार्टी के सबसे बड़े नेता जवाहरलाल नेहरू के ऊपर सवाल उठा कर. और सोनिया गांधी के ऊपर भी कमेंटबाजी की.
कांग्रेस की मैगजीन कांग्रेस दर्शन के दिसंबर अंक में छपा है कि सोनिया गांधी के पिता इटली में फासिस्टों के सपोर्टर थे. और सोनिया ने 1997 में पार्टी में शामिल होने के 62 दिनों बाद ही सोनिया ने सरकार बनाने की कोशिश की, पर असफल रहीं.
एक और लेख में नेहरू की राजनीति का निगेटिव रिव्यू करते हुए कहा गया है कि अगर वो उस समय के होम मिनिस्टर सरदार पटेल से एडवाइस लेते तो उनके लिए बेहतर होता. और कश्मीर मुद्दा इतनी खराब स्टेट में नहीं होता. याद रहे कि भाजपा सरदार पटेल को देश के फ्रीडम स्ट्रगल का नायक, और कांग्रेस को देश का विलेन मानती आई है. आर्टिकल का लेखक, जिसका नाम मैगजीन में छपा नहीं है, लिखता है, "अगर उस समय नेहरू ने पटेल की सुनी होती, तो आज कश्मीर, चीन, तिब्बत और नेपाल की समस्याएं होती ही नहीं."
आज सुबह सुबह जब ये खबर सामने आई, तो सारा सेलिब्रेशन हवा हो गया. ऊपर से मैगजीन के एडिटर और पार्टी के सीनियर नेता संजय निरुपम को इसकी खबर ही नहीं थी. एडिटर के तौर पर उन्होंने इस भारी गलती की जिम्मेदारी लेते हुए इसकी जांच करवाने का वादा किया.
https://twitter.com/ANI_news/status/681341975711240192
और ये था रिऐक्शन BJP का. जिसका अपोजीशन ही उसका बेस्ट फ्रेंड बन बैठा है. अनजाने में ही सही.
https://twitter.com/ANI_news/status/681349703666012161
और जब कचरा फैल गया, तो उसे ऐसे कालीन के नीचे सरकाने की कोशिश की शशि थरूर ने.
https://twitter.com/ANI_news/status/681353106257412096
ये भी बता दें कि कांग्रेस दर्शन के कंटेंट एडिटर की आज दोपहर छुट्टी कर दी गयी. सच बोलना महंगा पड़ गया जोशी साहब को. ;-)
https://twitter.com/PTI_News/status/681421168402759680