उज्जैन में एक कांग्रेस लीडर को जेल हो गयी. नाम है कयूम नागोरी. वजह थी कि उसने व्हॉट्सैप पे एक मैसेज भेजा था. मैसेज क्या था? मैसेज में था आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत का नाम. उसमें लिखा था कि जिन हिन्दुस्तानी लोगों ने स्विस बैंकों में काला धन छुपाया हुआ है, उन लोगों में मोहन भागवत का भी नाम शामिल है.
बस. उन्होंने ये देखा और फॉरवर्ड कर दिया किसी को. होते करते ये मैसेज किसी संघी तक पहुंच गया. बात ऐसे फ़ैली जैसे जंगल में आग. आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ता माहिदपुर थाने के बाहर जमा हो गए और लगे बवाल काटने. टाइम हो रहा था लगभग आधी रात का. उन सभी की मांग थी कि कयूम नागोरी के खिलाफ़ तुरंत ऐक्शन लिया जाए. बीजेपी लीडर विजय चौधरी ने जब लिखित में शिकायत दर्ज करायी तो नागोरी साहब के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज हुई.
कयूम नागोरी के खिलाफ़ सेक्शन 66-ए के और सेक्शन 294 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
कयूम नागोरी ने ये माना कि उन्होंने बिना समझे और बिना तथ्यों की जांच किये उस मैसेज को फॉरवर्ड कर दिया. लेकिन साथ ही वो अपने बोलने की आज़ादी की बात करने लगे.
कुछ ही दिन पहले मोहन भागवत की फ़ोटोशॉप की हुई तस्वीरों को सोशल मीडिया पर डालने की वजह से कुछ लड़कों को मध्य प्रदेश में गिरफ़्तार किया गया था.