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नाव पलटने से 25 लोगों की मौत, 100 से ज्यादा लोग सवार थे, नदी का रास्ता चुनते ही क्यों हैं यहां के लोग?

Congo के अधिकारियों ने अक्सर ओवरलोडिंग के खिलाफ चेतावनी दी है. अधिकांश लोग सड़कों से आने-जाने का खर्च उठाने में असमर्थ होते हैं. इसलिए नदी का विकल्प चुनते हैं.

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Congo Boat Accident
कांगो में डूबती नाव. (अक्टूबर में हुई दुर्घटना की तस्वीर: सोशल मीडिया)
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रवि सुमन
18 दिसंबर 2024 (Published: 07:55 AM IST)
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मध्य अफ्रीका के कांगो (Congo) में एक नदी में नाव पलट जाने से बच्चों समेत कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई. दर्जनों लोग अब भी लापता हैं. स्थानीय अधिकारियों ने बताया है कि नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार थे. न्यूज एजेंसी AP की रिपोर्ट के मुताबिक, नाव पर 100 से ज्यादा लोग सवार थे. नाव कांगो की राजधानी किंशासा के उत्तर-पूर्व इनोंगो शहर से चली थी. फिमी नदी के किनारे करीब सौ मीटर की दूरी पर ये पलट गई. 

लापता लोगों की तलाश के लिए 17 दिसंबर को घंटों तक अभियान चलाया गया. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों संख्या कहीं अधिक हो सकती है. इनोंगो शहर के रिवर कमिश्नर डेविड कालेम्बा ने बताया,

“नाव पर क्षमता से अधिक भार था और जहां तक शवों का सवाल है, अब तक कम से कम 25 शव बरामद किए जा चुके हैं.” 

स्थानीय निवासी एलेक्स म्बुम्बा के अनुसार, नाव में बहुत सारा सामान भी भरा हुआ था. उन्होंने बताया, "मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं, लेकिन इस समय मृतकों की सही संख्या बताना मुश्किल है क्योंकि नाव में बहुत सारे यात्री सवार थे".

ये भी पढ़ें: कांगो फीवर से महिला की मौत, जानिए क्या होती है ये बीमारी? राजस्थान में एडवाइजरी जारी

कांगो के माई-न्डोम्बे प्रांत में इस साल ऐसी चौथी दुर्घटना हुई है. ये पूरा इलाका नदियों से घिरा हुआ है और अधिकांश लोग नदी के रास्ते ही सफर करने को मजबूर हैं.

जान जोखिम में डालकर नदी से क्यों जाते हैं लोग?

कांगो के अधिकारियों ने अक्सर ओवरलोडिंग के खिलाफ चेतावनी दी है. और जल परिवहन के लिए सुरक्षा उपायों का उल्लंघन करने वालों को दंडित करने की बात कहते रहे हैं. अधिकांश लोग यहां के दूरदराज के इलाकों से यात्रा करते हैं. इनमें से अधिकांश लोग सड़कों से आने-जाने का खर्च उठाने में असमर्थ होते हैं. इसलिए नदी का विकल्प चुनते हैं.

इस देश में क्षमता से अधिक सामान और लोगों के भार की वजह से नावों के डूबने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. लोग सिर्फ आर्थिक कारणों से ही नहीं बल्कि सुरक्षा कारणों से भी लकड़ी के टूटते जहाजों से सफर करते हैं. कांगो के सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के बीच होने वाली घातक झड़पों में अक्सर सड़कें बाधित हो जाती हैं. इससे कई बार रास्ते बंद हो जाते हैं और यहां से आने-जाने वालों के लिए जान का भी खतरा होता है. इस साल अब तक ऐसी दुर्घटनाओं में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं या लापता घोषित किए जा चुके हैं.

अक्टूबर महीने में भी कांगो के पूर्वी भाग में एक नाव के डूब जाने से कम से कम 78 लोग डूब गए थे. इस नाव पर भी क्षमता से अधिक लोग सवार थे. 

ऐसे ही जून महीने में किंशासा के निकट ऐसी ही एक दुर्घटना में 80 लोगों की जान चली गई थी. इन घटनाओं के बाद यहां निवासी सरकार से तैरने वाले उपकरणों की मांग कर रहे हैं.

वीडियो: गणपति विसर्जन करने गए थे, झील में नाव पलटी और 11 लोग मर गए

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