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गणेश पूजा में PM मोदी के पहुंचने पर मचा था बवाल, अब CJI चंद्रचूड़ ने चुप्पी तोड़ी है

एक कार्यक्रम में CJI DY Chandrachud से उच्च पदों पर बैठे लोगों और जजों की मुलाकात पर सवाल किया गया. CJI ने राज्य के चीफ जस्टिस और CM की मुलाकातों का उदाहण देकर जवाब दिया.

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CJI DY Chandrachud on political row over PM Modi visit to his home for Ganesh Puja.
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने उस विवाद पर प्रतिक्रिया दी है, जो PM मोदी के उनके घर आने के कारण खड़ा हुआ था. (फोटो: PIT)
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सुरभि गुप्ता
28 अक्तूबर 2024 (Published: 06:59 PM IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गणेश पूजा के मौके पर 11 सितंबर को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) के घर पहुंचे थे. इस पर खूब बवाल मचा था. विपक्ष ने आपत्ति जताई थी. कुछ लोगों ने तो CJI और PM मोदी की इस मुलाकात को 'लोकतंत्र के लिए खतरा' तक बता दिया था. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने अब इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी है. कहा है कि इस तरह की मुलाकातों का न्यायिक काम पर कोई असर नहीं पड़ता है. 

CJI डीवाई चंद्रचूड़ 26 अक्टूबर को मराठी दैनिक 'लोकसत्ता' के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान उनसे उच्च पदों पर बैठे लोगों और जजों की मुलाकात पर सवाल किया गया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने जवाब दिया,

"हम में ये समझने की परिपक्वता होनी चाहिए कि इसका न्यायिक कार्य पर कोई असर नहीं पड़ता है." 

CJI से गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस या किसी त्योहार पर हायर ज्यूडिशियरी के सदस्यों और राजनेताओं के बीच मुलाकात के बारे में पूछा गया था.

इस पर CJI ने कहा,

"मैं आपको बताना चाहता हूं कि राज्यों में ये परंपरा है कि राज्य के मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) और सीएम के बीच नियमित बैठकें होती हैं. अब, लोग क्या सोचते हैं, वे क्यों मिलते हैं? आप कभी भी किसी निर्णय (न्यायिक) के लिए नहीं मिलते. और हमारी राजनीतिक व्यवस्था की परिपक्वता इस तथ्य में निहित है कि न्यायपालिका के प्रति बहुत अधिक सम्मान है, यहां तक ​​कि राजनीतिक वर्ग में भी."

ये भी पढ़ें- PM मोदी गणेश पूजा पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के घर गए, कुछ वकीलों और नेताओं को बुरा क्यों लग गया?

उन्होंने बताया कि कोर्ट के लिए नई बिल्डिंग्स, जिलों में जजों के लिए घर सहित ज्यूडिशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट सरकार मंजूर करती है. इसके लिए, चीफ जस्टिस और सीएम के बीच मीटिंग की जरूरत होती है. 

CJI ने कहा,

"मैं उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश था... मैंने बॉम्बे हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति में काम किया. और एक राज्य में, एक परंपरा है कि जब पहली बार मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति होती है, तो हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राज्य के सीएम के पास जाते हैं. दूसरी बार, सीएम मुख्य न्यायाधीश से मिलने जाते हैं. ऐसी बैठकों के लिए एक अलग एजेंडा होता है."

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि ऐसी बैठकों में CM ने कभी पेंडिंग मामलों पर बात नहीं की. CJI बोले,

"उच्च न्यायालयों और राज्य सरकारों के बीच प्रशासनिक संबंध उच्च न्यायालय (हाई कोर्ट) के पारंपरिक कामकाज से बहुत अलग है. और यही बात भारत के सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) और वर्तमान सरकार के बीच प्रशासनिक संबंधों में केंद्रीय स्तर पर भी काम करती है... लेकिन निश्चित रूप से, हम में ये समझने की परिपक्वता होनी चाहिए कि इसका न्यायिक कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ता है."

उन्होंने कहा,

"अगर स्वतंत्रता दिवस है, गणतंत्र दिवस है, किसी के घर शादी है, या कोई शोक है तो भी मुख्य न्यायाधीश मिलते हैं."

CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच बैठकें 'सरकार के तीन अंगों - विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच मजबूत संवाद का हिस्सा हैं'. CJI ने कहा कि तीनों अंगों का काम एक ही लक्ष्य के लिए समर्पित है और वो है राष्ट्र की बेहतरी. उन्होंने कहा कि जजों के तौर पर हम जो काम करते हैं, उसमें हम पूरी तरह से स्वतंत्र होते हैं.

वीडियो: 'गणेश उत्सव से चिढ़ते...', PM मोदी ने CJI चंद्रचूड़ के घर जाने वाली बात पर विपक्ष को क्या कहा?

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