The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • CJI Chandrachud comment on jud...

सुप्रीम कोर्ट पर सरकार का दबाव है? CJI चंद्रचूण ने सबकुछ समझा दिया

CJI बोले- मेरी, कानून मंत्री से अलग राय हो सकती है.

Advertisement
Chief Justice of India Dhananjaya Y Chandrachud
भारत के मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ (फोटो- इंडिया टुडे)
pic
ज्योति जोशी
18 मार्च 2023 (Updated: 18 मार्च 2023, 19:39 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

भारत के चीफ जस्टिस DY चंद्रचूण ने इस बात का जवाब दिया है कि आखिर न्यायपलिका पर सरकार का कितना दबाव है (Chief Justice of India DY Chandrachud on Govt Pressure). इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में हुए एक इंटरव्यू के दौरान CJI ने देश की न्याय व्यवस्था, उसके काम करने के तरीके और इसकी बेहतरी को लेकर कई जरूरी बातें बताई हैं. उन्होंने पिछले दिनों हुए जजों की नियुक्ति वाले विवाद पर भी अपनी राय रखी. CJI ने माना इस मामले में उनकी सरकार से अलग राय है.

इंडिया टुडे के न्यूज़ डायरेक्टर राहुल कंवल ने CJI से पूछा कि सरकार का सुप्रीम कोर्ट पर कितना प्रेशर रहता है. इस पर CJI ने जवाब दिया-

इस महीने के अंत में मैं जज के रूप में 23 साल का कार्यकाल पूरा कर लूंगा. मैं भारत की न्यायपालिका में सबसे लंबे समय तक सर्व करने वाला जज हूं. इन 23 सालों में बतौर हाई कोर्ट के जज, बतौर हाई कोर्ट चीफ जस्टिस, बतौर सुप्रीम कोर्ट जज किसी ने भी मुझे नहीं बताया कि केस कैसे हैंडल करना है.

वो आगे कहते हैं-

हम अपने सिद्धांतों को लेकर बहुत क्लियर हैं. मैं कभी अपने कलीग से भी केस के बारे में चर्चा नहीं करूंगा. दबाव का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता. अगर दबाव होता तो क्या इलेक्शन कमीशन का निर्णय आ जाता.

CJI चंद्रचूड़ ने देश में न्यायपालिका का "भारतीयकरण" करने की जरूरत के बारे में भी बात की. उन्होंने भारतीय न्यायपालिका के लिए अपने दृष्टिकोण के बारे में बात करते हुए कहा-

न्यायपालिका का भारतीयकरण करने की कड़ी में सबसे पहले अदालत की भाषा में बदलाव की जरूरत है.  जिला अदालतों की भाषा अंग्रेजी नहीं है लेकिन हाई कोर्ट और सु्प्रीम कोर्ट में बातचीत की भाषा अंग्रेजी है. अगर हमें वास्तव में नागरिकों तक पहुंचना है तो हमें उन भाषाओं में पहुंचना होगा जिन्हें वो समझते हैं. हमने ये प्रक्रिया शुरू भी कर दी है. 

CJI चंद्रचूड़ ने कोलेजियम सिस्टम और जजों की नियुक्ति के बारे में भी बात की. इस साल जनवरी में समलैंगिक वकील सौरभ किरपाल की हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति को लेकर विवाद हुआ था. उस मामले पर CJI चंद्रचूड़ बोले-

सेक्सुअल ओरिएंटेशन का जज की क्षमता से कोई लेना-देना नहीं है. कोलेजियम सिस्टम में जजों की नियुक्ति कैसे होती है वो पूरी प्रक्रिया वेबसाइट पर मौजूद है. हमने पारदर्शिता बढ़ाई ताकि नागरिकों में विश्वास बढ़े.

केंद्रीय कानून मंत्री किरने रिजिजू ने इसी कॉन्क्लेव में कोलेजियम द्वारा IB रिपोर्ट पब्लिक करने पर नाराजगी जताई थी. मामले पर CJI बोले-

उनकी एक धारणा है, मेरी एक धारणा है. और धारणा में अंतर होना तय है जायज है. इसमें क्या गलत है. मैं उनकी धारणा का सम्मान करता हूं.

CJI चंद्रचूण कहते हैं कि उनके लिए कोई भी केस बड़ा या छोटा नहीं होता. बेल जैसा एक छोटा सा केस भी व्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा होता है. 

चीफ जस्टिस DY चंद्रचूण का पूरा इंटरव्यू देखने के लिए यहां क्लिक करें. 

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: क्या इस मुद्दे पर हो सकता है मोदी सरकार Vs चीफ जस्टिस चंद्रचूड़?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement