पैर दर्द के नाम पर छुट्टी ली, कंपनी ने झूठा बोल निकाल दिया, अब 14 लाख चुकाने पड़ेंगे
कर्मचारी ने कह कर छुट्टी मांगी कि उसके पैर में बहुत दर्द है. लेकिन फिर भी जब वो छुट्टी से वापस आया तो उसे नौकरी से निकाल दिया गया. इस घटना के सामने आने के बाद कर्मचारियों के अधिकार पर भी बहस शुरू हो गई है.

कभी-कभी ऐसा होता है कि हम सुबह उठते हैं और उस दिन बिस्तर छोड़ने का मन नहीं करता. लगता है आज ऑफिस नहीं जाते हैं. Sick Leave ले लेते हैं. खैर, ये तो हम अपनी बात कर रहे थे. आज की खबर पड़ोसी मुल्क चीन से है. यहां एक कर्मचारी ने कह कर छुट्टी मांगी कि उसके पैर में बहुत दर्द है. लेकिन फिर भी जब वो छुट्टी से वापस आया तो उसे नौकरी से निकाल दिया गया. इस घटना के सामने आने के बाद कर्मचारियों के अधिकार पर भी बहस शुरू हो गई है. क्या है पूरी कहानी,विस्तार से समझते हैं.
ये पूरा मामला 2019 का है जिसकी जानकारी अब चीन के मिनिस्ट्री ऑफ जस्टिस ने दी है. चीन के पूर्वी इलाके जियांगसू प्रांत में चेन नाम के एक व्यक्ति रहते हैं. चेन वहीं एक कंपनी में काम करते हैं. फरवरी-मार्च के महीने में उन्हें कमर दर्द और बैक पेन की शिकायत हुई तो उन्होंने ऑफिस से दो बार छुट्टी ली. उन्होंने अस्पताल की जांच रिपोर्ट भी ऑफिस में जमा की. इसके बाद जब चेन ने दोबारा छुट्टी ली तो वो एक महीने बाद वापस आया. ऑफिस भी गया, लेकिन आधे दिन काम करने के बाद उसने फिर से सिक लीव ले ली. कहा की दाहिने पैर में दर्द हो रहा है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक चेन ने डॉक्टर का नोट भी ऑफिस में लगाया जिसमें डॉक्टर ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी. लिहाजा चेन ने अपना इलाज शुरू करवाया और कुछ और दिन सिक लीव ले ली. इसके कुछ दिन बाद कंपनी ने उन्हें कहा कि हॉस्पिटल आकर अपनी मेडिकल वगैरह जमा कर दें.
ऑफिस आते ही गार्ड ने रोक दियाकंपनी ने पहले चेन को अपने हॉस्पिटल चेक-अप के डॉक्यूमेंट्स जमा करने के लिए कंपनी में आने को कहा, लेकिन जब चेन वहां पहुंचा, तो उसे सिक्योरिटी गार्ड ने रोक दिया. कुछ दिनों बाद, कंपनी ने चेन से कहा कि उसे काम से गैर-हाजिर रहने के कारण निकाल दिया गया है, और यह भी कहा कि उसने अपनी हेल्थ कंडीशन के बारे में कंपनी से झूठ बोला था. इसके बाद चेन ने कंपनी के खिलाफ लेबर आर्बिट्रेशन का केस फाइल कर दिया.
जांच के बाद अधिकारियों ने चेन के पक्ष में फैसला दिया और कंपनी से उसे मुआवजे के तौर पर 16,700 अमेरिकन डॉलर (लगभग 14 लाख रुपये) देने की मांग की. लेकिन इसके बाद कंपनी ने चेन पर कोर्ट में केस कर दिया. कंपनी ने एक सर्विलांस फुटेज दिखाया जिसमें चेन उस दिन कंपनी की तरफ दौड़ता हुआ दिख रहा था. कंपनी के मुताबिक इसी दिन उसने पैर दर्द के लिए सिक लीव अप्लाई की थी.
साख ही कंपनी ने एक चैट सॉफ्टवेयर का रिकॉर्ड भी दिया. इसमें दिखाया गया कि चेन उस दिन 16,000 कदम से ज्यादा पैदल चला था. इस पर चेन ने तर्क दिया कि कंपनी के सबूत वैलिड नहीं हैं और उसने अपनी कमर और पैर के मेडिकल स्कैन सहित हॉस्पिटल के पूरे रिकॉर्ड दिए हैं.
कोर्ट ने क्या कहा?कोर्ट ने इस मामले में दो बार सुनवाई की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कंपनी चेन को मुआवजा दे, क्योंकि उन्होंने अपने कर्मचारी को गैर-कानूनी तरीके से निकाला था. चेन के केस की वजह से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर काफी बहस हुई. कई लोगों ने कहा कि कंपनी ने उसके अधिकारों का उल्लंघन किया है. लोगों ने कहा कि यह नॉर्मल है कि ऐप बहुत ज्यादा स्टेप्स रिकॉर्ड करे, भले ही यूजर उतना न चला हो. अगर वह सच में 16,000 कदम चला भी है, तो यह मुमकिन है अगर वह हॉस्पिटल गया हो या दवा खरीदने गया हो. वहीं कुछ लोगों ने कहा कि किसी कंपनी को अपने कर्मचारियों के प्राइवेट डेटा, जैसे कि स्टेप्स की संख्या, चेक करने का कोई हक नहीं है, और इसके लिए उन्हें नौकरी से निकालना तो बिल्कुल गलत है.
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