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भारत की सीमा में फिर घुसे चीन के सैनिक, जानें क्यों की ये हरकत

क्या पीएम मोदी के ट्वीट से इसका कोई लेना-देना है?

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भारतीय सीमा में घुसपैठ करके झंडा लहराते चीनी सैनिक
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13 जुलाई 2021 (Updated: 13 जुलाई 2021, 10:57 AM IST)
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भारत के इलाके में चीनी सेना की घुसपैठ का नया मामला सामने आया है. 6 जुलाई को तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरू दलाई लामा का जन्मदिन मनाया जा रहा था. भारत के प्रधानमंत्री ने भी इसे लेकर ट्वीट किया था. इसी दौरान चीन के सैनिकों ने लद्दाख के डेमचोक में घुसपैठ कर दी. विरोध के बैनर दिखाते हुए झंडे लहराए. यह घटना ऐसे समय हुई, जब लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर तनातनी के बाद पिछले कुछ समय से एक तरह से शांति बनी हुई है. 30 मिनट तक भारत में रहे इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ये घुसपैठ डेमचोक से लगभग 30 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व में कोयुल के पास डोले टैंगो में की गई. चीन के सैनिक 5 गाड़ियों में सवार होकर आए, और विरोध जताकर चले गए. समय की बात की जाए तो चीनी सैनिक लगभग 30 मिनट तक भारतीय सीमा के भीतर रहे. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, जब भी भारत में दलाई लामा का जन्मदिन मनाया जाता है, तब-तब चीनी सेना इसका विरोध करती है. इस बार भी डेमचोक क्षेत्र में भारतीय लोग दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे, इसलिए चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों ने घुसपैठ करके इसका विरोध किया. स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, जिस जगह पर दलाई लामा का जन्मदिन मनाया जा रहा था, वहां से करीब 200 मीटर दूर से चीनी सैनिकों ने विरोध वाली तख्तियां और बैनर दिखाए. मोदी का बधाई ट्वीट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस बार दलाई लामा को जन्मदिन पर बधाई दी थी. ट्वीट करके मोदी और दलाई लामा के बीच फोन पर बातचीत की भी सार्वजनिक रूप से पुष्टि की गई. इंडिया टुडे के मुताबिक, 2015 से पहले तक पीएम मोदी दलाई लामा को जन्मदिन की सार्वजनिक बधाई देते रहे थे. उसके बाद इसके बारे में सार्वजनिक जानकारी आना बंद हो गया. अब 2021 में दलाई लामा के 86वें जन्मदिन पर मोदी की ओर से ट्वीट किया गया. देखिए ट्वीट- इसके एक हफ्ते पहले कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ऑफ चाइना का शताब्दी समारोह था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने ना तो कोई ट्वीट किया और ना ही बधाई संदेश भेजा. लेकिन शनिवार 10 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी ने वियतनाम के पूर्व सुरक्षा अधिकारी और वहां की कम्युनिस्ट पार्टी के नेता फाम मिन्ह चीन्ह को शुभकामनाएं दी थीं, उनके प्रधानमंत्री बनने पर. जानकारों का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी ने इसके जरिए चीन को यह संदेश दिया है कि वह चीन के प्रति कड़े रुख से पीछे हटने के मूड में नहीं हैं. भारत-चीन संबंध स्टैंड बाय मोड पर याद होगा, सीमा विवाद को लेकर पिछले साल भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था. चीन ने भारत की सीमा में घुसपैठ की कोशिश की, जिसके बाद झड़प हुई. गलवान घाटी में हुई इस झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिकों की मौत हो गई थी. भारत ने चीन को भी भारी नुकसान पहुंचाने का दावा किया, लेकिन चीन ने खुलकर कभी इसे नहीं माना. कई महीनों के तनाव के बाद सीमा विवाद को ठंडा करने की कवायद शुरू हुई. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय और चीनी पक्षों ने सैन्य और राजनीतिक स्तरों पर कई दौर की बातचीत की, लेकिन पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे जैसे कुछ इलाकों से सैनिकों की वापसी के अलावा कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई. बता दें कि सैन्य स्तर पर हुई इस बातचीत के एजेंडे में डेमचोक का विवाद भी शामिल रहा है. चीन के सैनिकों की ताजा घुसपैठ को लेकर भारतीय सेना की ओर से कोई प्रतिक्रिया खबर लिखे जाने तक नहीं आई थी. सूत्रों का कहना है कि इसे छोटी हरकत मानकर महज उकसाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.

(ये खबर हमारे यहां इंटर्नशिप कर रहे रौनक भैड़ा ने लिखी है)

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