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अमेरिका के पेंटागन से 10 गुना बड़ा मिलिट्री बेस बना रहा चीन, क्या न्यूक्लियर हमले की है तैयारी?

US vs China: पेंटागन, अमेरिकी डिफेंस डिपार्टमेंट का ऑफिस है. यह अमेरिका की सबसे बड़ी सरकारी एजेंसी है. दावा किया जा रहा है कि चीन इससे 10 गुना बड़ा मिलिट्री कमांड सेंटर बना रहा है. यह सेंटर राजधानी बीजिंग में बन रहा है, और इसकी सैटेलाइज इमेज भी सामने आई हैं.

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Chinese military command center  Xi Jinping
चीन में बन रहे मिलिट्री कमांड सेंटर की सैटेलाइट इमेज. (X @bradyafr/PTI)
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मौ. जिशान
7 फ़रवरी 2025 (Updated: 7 फ़रवरी 2025, 09:15 AM IST)
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अमेरिका और चीन में इन दिनों ट्रेड वॉर चल रहा है. मगर डॉनल्ड ट्रंप शासन के लिए एक अलग चुनौती खड़ी हो गई है. दरअसल, चीन एक नया मिलिट्री कॉम्प्लैक्स बना रहा है, जो पेंटागन से भी बड़ा होगा. पेंटागन, यूएस डिफेंस डिपार्टमेंट का ऑफिस है. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि इस कॉम्प्लैक्स पर तेजी से काम चल रहा है. बीजिंग में बन रहा यह कॉम्प्लैक्स पेंटागन से 10 गुना बड़ा होने का अनुमान है.

फाइनेंशियल टाइम्स की नई रिपोर्ट अमेरिका के मौजूदा और पूर्व अधिकारियों के हवाले से बताती है कि चीन का नया मिलिट्री कॉम्प्लैक्स 1500 हेक्टेयर में फैला है. कुछ लोग इसे 'बीजिंग मिलिट्री सिटी' बता रहे हैं. ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका के साथ संभावित न्यूक्लियर वॉर के मद्देनजर चीन इस मिलिट्री साइट को तैयार कर रहा है.

यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के सेंटिनल-2 सैटेलाइट के आधार पर फाइनेंशियल टाइम्स ने एनालिसिस किया, जिससे पता चलता है कि इस प्रोजेक्ट पर काम पिछले साल शुरू हुआ था. यह प्रोजेक्ट बीजिंग से लगभग 32 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है.

अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के ब्रैडी एफ्रिक ने एक्स पर सैटेलाइट इमेज का टाइमलैप्स वीडियो शेयर किया है. इसमें चीन के नए मिलिट्री बेस का डेवलपमेंट साफ देखा जा सकता है.

अमेरिका और चीन दुनिया की दो बड़ी सैन्य ताकत हैं. इस प्रोजेक्ट से यह पता चलता है कि चीन सिर्फ अमेरिका के साथ सैन्य समानता नहीं चाहता, बल्कि उससे आगे निकलना चाहता है. संभावित बंकर की तैयारी बताती है कि चीन किसी भी परमाणु हमले से बचने के लिए पुख्ता तैयारी कर रहा है.

ये भी पढ़ें- सरहद पर चीन के CH5 के सामने कितना कारगर होगा अमेरिका से खरीदा जाने वाला MQ9B ड्रोन

एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में फॉरेन पॉलिसी और नेशनल सिक्योरिटी के सीनियर फेलो लाइल मॉरिस ने इस प्रोजेक्ट की तुलना उन अंडरग्राउंड बंकरों से की है, जिनमें चेयरमैन माओत्से तुंग और अन्य शीर्ष चीनी नेता 1969 में न्यूक्लियर पावर से लैस सोवियत संघ के साथ सीमा संघर्ष के दौरान छिप गए थे.

पेंटागन दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग में से एक है. यह अमिरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय के तौर पर काम करता है. पेंटागन वर्जीनिया राज्य के अर्लिंग्टन में मौजूद है. यह वाशिंगटन की फॉरेन पॉलिसी का भी केंद्र माना जाता है.

वीडियो: खर्चा-पानी: अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर में भारत को क्या मिलेगा?

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