The Lallantop
Advertisement

अखिलेश यादव हाजिर हों! अवैध खनन मामले में CBI ने पूछताछ के लिए बुलाया

मामला हमीरपुर जिले में अवैध खनन से जुड़ा है, जिसमें अखिलेश को बतौर गवाह के तौर पर पेश होने के लिए कहा गया है.

Advertisement
cbi summons up ex cm akhilesh yadav in illegal mining case
सीबीआई ने अखिलेश यादव को समन भेजा है. (तस्वीर:PTI)
28 फ़रवरी 2024 (Updated: 28 फ़रवरी 2024, 17:07 IST)
Updated: 28 फ़रवरी 2024 17:07 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (AKhilesh Yadav) को सीबीआई ने कथित अवैध खनन के मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा है. समन के मुताबिक अखिलेश को 29 फरवरी को CBI के सामने पेश होना है. मामला हमीरपुर जिले में अवैध खनन से जुड़ा है, जिसमें अखिलेश को बतौर गवाह के तौर पर पेश होने के लिए कहा गया है.

इस मामले में CBI ने साल 2019 में FIR दर्ज की थी, जिसमें आरोप वहां के सरकारी मुलाजिमों पर लगे थे कि उन्होंने अपनी नाक के नीचे अवैध खनन होने दिया.

क्या है मामला?

अखिलेश यादव साल 2012 से 2017 तक यूपी के मुख्यमंत्री थे. इस दौरान राज्य के हमीरपुर जिले में कथित अवैध खनन का मामला सामने आया था. मामला 2016 में ये मामला हाई कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने अपनी सुनवाई में कहा कि कोर्ट के बार-बार मना करने के बाद भी अवैध खनन पर कोई लगाम नहीं लग रही. आदेश में कहा गया कि इस मामले की CBI जांच करे और बताए कि क्या प्रशासन की मिलीभगत से अवैध खनन का मामला जारी है.

हाई कोर्ट के आदेश पर 2016 में ही CBI ने प्राथमिक जांच शुरू कर दी थी. लेकिन FIR 2019 में दर्ज की गई. इसमें कुल 11 लोगों के नाम थे. FIR में कहा गया कि सरकारी मुलाजिमों ने हमीरपुर में अवैध खनन को होने दिया. इस पूरी प्रक्रिया में टेंडर के नियमों का पालन नहीं किया गया और अवैध रूप से नए पट्टे दिए गए. राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) की तरफ से खनन पर बैन के बावजूद लाइसेंस रिन्यू किए गए. CBI ने इस मामले में IAS बी चंद्रकला समेत 11 अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी का आरोप है कि अखिलेश यादव के कार्यालय ने एक ही दिन में 13 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी. मुख्यमंत्री बनने के बाद अखिलेश ने कुछ समय के लिए खनन विभाग भी संभाला था. एजेंसी का कहना है कि 17 फरवरी 2013 को अखिलेश ने 14 पट्टों को मंजूरी दी थी, जो ई-टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन था.

सीबीआई ने दावा किया कि इन पट्टों को हमीरपुर की तत्कालीन डीएम बी चंद्रकला ने मंजूरी दी थी. जनवरी 2019 में केस दर्ज करने के बाद सीबीआई ने बी चंद्रकला समेत, समाजवादी पार्टी के नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की थी.

CBI ने अखिलेश को CrPC की धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया है. इसके तहत किसी भी व्यक्ति को गवाह के तौर पर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.

खनन मंत्री के घर पढ़े थे छापे

अखिलेश के बाद साल 2013 में खनन मंत्रालय की जिम्मेदारी गायत्री प्रजापति को दी गई थी. तीन साल पहले गायत्री के घर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी हुई थी. इस छापे में 11 लाख के नोट बरामद हुए थे.

वीडियो: महाभारत से लेकर फ्यूचर तक! प्रभास की 'कल्कि 2898 AD' को लेकर डायरेक्टर ने क्या बताया?

thumbnail

Advertisement

Advertisement