The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • CBI probe reveals similar weap...

एक बाइक, एक हथियार: दो अंधविश्वास विरोधियों की हत्या

पाखंड के खिलाफ बोलने के लिए दाभोलकर और पनसारे की हत्या कर दी गई.

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
लल्लनटॉप
22 जून 2016 (Updated: 22 जून 2016, 05:52 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
महाराष्ट्र के 'अंधविश्वास विरोधी' थिंकर नरेन्द्र दाभोलकर और CPI नेता गोविन्द पनसारे की हत्या में एक ही मोटरसाइकिल और हथियार इस्तेमाल किए गए थे. सूत्रों के मुताबिक CBI ने अपनी जांच में ये पाया है. पूरी रिपोर्ट हाईकोर्ट में रखी जाएगी.
ये मोटरसाइकिल 'सनातन संस्था' के मेंबर वीरेन्द्र तावड़े की है. वीरेंद्र ने ये नहीं बताया है कि मोटरसाइकिल का क्या हुआ. मोटरसाइकिल बरामद भी नहीं हो पाई है.
CBI वीरेंद्र की एक्स-वाइफ निधि से भी पूछताछ कर रही है. निधि दो साल पहले ही वीरेंद्र से अलग हो चुकी थी. पर उसने ये कन्फर्म किया कि वीरेंद्र 'सनातन संस्था' को लेकर बहुत ज्यादा सीरियस हो गया था. निधि कुछ दिनों के लिए ही संस्था से जुड़ी थी.

क्या है ये हत्या का मामला?

नरेन्द्र दाभोलकर 20 अगस्त 2013 को नरेन्द्र दाभोलकर की हत्या कर दी गई थी. नरेन्द्र महाराष्ट्र में 'अन्धविश्वास और काला जादू' के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे. आज के समाज में ये चीजें इंसान को दब्बू बनाकर रखती हैं. पब्लिक गवर्नमेंट से अपना हक़ मांगने के बजाये बाबा और ओझा लोगों के संपर्क में चली जाती है. इस बात से बाबागिरी वाले लोग नाराज हो गए. और नरेन्द्र का क़त्ल कर/करवा दिया. नरेन्द्र के मरने के बाद महाराष्ट्र में 'अन्धविश्वास और काला जादू' के खिलाफ कानून भी बना. नरेन्द्र को 'पद्म श्री' भी दिया गया.
पर ये घटना सिर्फ नरेन्द्र से ही नहीं जुड़ी थी. ऐसा नहीं था कि कोई अचानक से नाराज हो गया और गुस्से में मार दिया. ये पूरा सिस्टेमेटिक तरीका है. जो बोलेगा उसको मारा जाएगा. पब्लिक हमेशा बेवकूफ ही रहे. जो समझाएगा वो जाएगा. जनता की नज़रों में अपने को अच्छा बनाये रखने के लिए ये लोग 'सनातन संस्था' टाइप के नाम ही रख लेते हैं.
गोविंद पनसारे 20 फ़रवरी 2015 को कोल्हापुर में CPI नेता गोविन्द पनसारे की हत्या कर दी गयी. नेता होने के अलावा गोविन्द जनता को धर्म और जाति के बारे में बताते रहते थे. शिवाजी पर एक किताब भी लिखी थी. मराठी समाज में ये किताब बहुत फेमस है. दोनों ही हत्याओं में एक ही बाइक और हथियार इस्तेमाल किए गए. जिसका जिक्र हमने ऊपर किया है. प्रोफेसर कलबुर्गी 30 अगस्त 2015 को कर्नाटक के धारवाड़ में प्रोफेसर कलबुर्गी को भी मार दिया गया था. कलबुर्गी मूर्ति पूजा, धर्म में औरतों की स्थिति, पाखंड के खिलाफ लिखते थे.  एक बार फेमस लेखक अनंतमूर्ति ने देवी-देवताओं के फोटो पर पेशाब  कर दिया था. ये दिखाने के लिए कि मूर्तियां मदद नहीं करती. बल्कि कुछ नहीं करती. अंधविश्वास को गलत साबित करने के लिए कलबुर्गी ने इस बात का समर्थन किया था.
अब कर्नाटक पुलिस कलबुर्गी हत्या में भी वीरेंद्र तावड़े की कस्टडी मांग रही है. शक है कि ये हत्या भी उसी संस्था के लोगों ने की है. क्योंकि कुछ ही लोग हत्यारे होते हैं. हर जगह जनता इतनी पागल नहीं होती कि फट से किसी का खून कर दें. जिसको दुकान बंद होने का ज्यादा डर था वो भड़क गए.
2009 गोवा ब्लास्ट 2009 गोवा ब्लास्ट के दो आरोपी भी इन हत्याओं से जुड़े हैं. इनमें से एक की वीरेंद्र तावड़े से बातचीत भी होती थी. गोवा ब्लास्ट के बाद आरोपी भाग गए थे. पर उनकी वीरेंद्र और सनातन संस्था के अन्य सदस्यों से 169 फोन कॉल्स हुए थे. गोवा ब्लास्ट तब हुआ था जब एक चर्च के पास 'नरकासुर' के पुतले जलाये जा रहे थे. अच्छाई की बुराई पर जीत के लिए. तीनों ही हत्याएं सुबह के वक़्त हुई थीं. जब भीड़ नहीं थी. और विक्टिम टहल रहे थे.

इस केस में CBI ने क्या-क्या बताया है?

1. जनवरी 2013 में वीरेंद्र अपनी ब्लैक कलर की स्प्लेंडर लेकर पनवेल से पुणे गया. वहां इसने दो कातिलों को अपनी बाइक दे दी. अगस्त 2013 में दाभोलकर की हत्या हुई. 2.फिर दिसम्बर 2014 में वीरेंद्र उसी बाइक को कोल्हापुर ले गया. फरवरी 2014 में गोविन्द की हत्या हुई. 3. CBI तीनों हत्याओं में मिले गोलियों के खोखे 'स्कॉटलैंड यार्ड' के पास राय लेने के लिए भेजेगी. स्कॉटलैंड यार्ड को दुनिया की सबसे तेज पुलिस माना जाता है. 4. इसी दौरान 'सनातन संस्था' के पनवेल ऑफिस से एक हार्ड डिस्क भी मिली है. इसमें वाशी, थाने और गोवा में ब्लास्ट करने का प्लान था. पर हो नहीं पाया. एक ही बाइक कहां-कहां ले जायेंगे. 5. तब इन्होंने दिमाग लगाया कि ब्लास्ट नहीं करेंगे, अब चुन-चुन के मारेंगे. इन्होंने अपने 'शत्रुओं' की लिस्ट बनाई. कोड में इनको 'राक्षस' कहा जाता था. ये हैं धर्म के तारणहार जो अब पाखंड के खिलाफ बोलने वालों की हत्या करेंगे.
ये स्टोरी ऋषभ ने लिखी है.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement