Bondi Attack: सिर्फ अहमद नहीं, इस बुजुर्ग ने भी आतंकी साजिद अकरम को गिरा दिया था
सिडनी के बोंडी बीच पर हुए आतंकी हमले का एक और वीडियो सामने आया है. इसमें एक बुजुर्ग आतंकवादी से बहादुरी से लड़ते देखा जा सकता है. हालांकि, हमलावर ने उन्हें और उनकी पत्नी को गोली मार दी.

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बोंडी बीच पर आतंकवादी हमले के ‘हीरो’ अहमद अल अहमद के बारे में तो आपने सुना ही होगा. हमले के वक्त कैसे बहादुरी से उन्होंने एक हमलावर को दबोच लिया और उससे बंदूक छीन ली. लेकिन ये बात कम ही लोग जानते हैं कि उसी आतंकी से एक बुजुर्ग ने भी लोहा लिया था. हालांकि वे जीवित नहीं बच पाए. साजिद अकरम ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. लेकिन उससे पहले पति-पत्नी ने आतंकी का मुकाबला किया था.
डैशकैम में दिखी बहादुरीबोंडी हमले का एक डैशकैम वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक बुजुर्ग दंपती को बंदूक लिए हमलावर से मुठभेड़ करते देखा जा सकता है. वीडियो बहुत छोटा है और थोड़ा ब्लर है. फिर भी देखने से चीजें समझ आ रही हैं. साफ पता चल रहा है कि गोली चलाने वाला हमलावर साजिद अकरम है, जो इस आतंकी हमले में शामिल एक और आतंकी नवीद अकरम का पिता था. शॉर्ट्स और टीशर्ट पहने एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं, जो हथियारबंद हमलावर से जूझ रहे हैं. व्यक्ति की पत्नी थोड़ी दूर पर कार के दरवाजे के पास खड़ी हैं. चलती कार के डैशकैम वीडियो में दिखता है कि हमलावर और बुजुर्ग व्यक्ति दोनों जमीन पर गिरे पड़े हैं. टीशर्ट वाले शख्स ने हमलावर से बंदूक छीन ली है. हमलावर तो अपनी जगह पर फिर से खड़ा हो गया लेकिन बुजुर्ग व्यक्ति सड़क पर ही पड़े हैं.
वीडियो यहां से आगे कुछ नहीं दिखाता, लेकिन एनडीटीवी की रिपोर्ट में बताया गया कि इसके बाद हमलावर ने एक दूसरी बंदूक से बुजुर्ग और उनकी पत्नी को गोली मार दी. दोनों की हमले में मौत हो गई. बाद में इस वीडियो ने और कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने उनकी बहादुरी की कहानी दुनिया के सामने ला दी. बुजुर्ग दंपती की इस निर्भीकता की लोग खूब तारीफ कर रहे हैं.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया 'हीरो'ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इस दंपती की पहचान 69 साल के बोरिस गुरमन और उनकी 61 साल की पत्नी सोफिया के रूप में की है. बीबीसी की रिपोर्ट में हमले को अपनी आंखों से देखने वाले लोगों ने गुरमन को ‘हीरो’ बताया है. जिस कार के डैशकैम से वीडियो फुटेज वायरल हुआ, उसकी मालकिन महिला ने रॉयटर्स को बताया कि जब हमलावर ने उन पर बंदूक तानी, तब गुरमन भागे नहीं. उन्होंने इस खतरे का सामना किया और पूरी ताकत लगाकर हमलावर से बंदूक छीनने की कोशिश की. उन्होंने बताया,
बोरिस गुरमन अपनी आखिरी सांस तक हमलावर से लड़ते रहे. आखिरकार हमलावर ने बुजुर्ग को गोली मार दी और वह गिर पड़े. ये पल मेरा दिल तोड़ देने वाला था.
घटना के एक अन्य गवाह ने अपनी आंखों देखी में बताया कि गुरमन ने हमलावर को रोकने की पूरी कोशिश की. उन्होंने कहा,
हर किसी को पता होना चाहिए कि उन्होंने क्या किया. गोलियां चल रही थीं. फिर भी गुरमन ने खुद को सीधे खतरे के सामने ला खड़ा कर दिया. हमें उनके परिवार को बताना चाहिए कि उन्होंने खतरे के वक्त कैसी बहादुरी दिखाई थी.
69 साल के बोरिस गुरमन एक मेकैनिक थे. उनकी पत्नी ऑस्ट्रेलिया पोस्ट में काम करती थीं. उनके जानने वालों ने बताया कि दोनों काफी मिलनसार और मददगार इंसान थे.
परिवार बोला- उन पर गर्व हैगुरमन के परिवार ने भी इस वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. बीबीसी को दिए एक बयान में उन्होंने कहा कि गोली लगने से पहले गुरमन और सोफिया ने बहादुरी से दूसरों को बचाने की पूरी कोशिश की. दोनों को खोने के दर्द को कोई कम नहीं कर सकता लेकिन हमें उनकी बहादुरी पर गर्व है. परिवार ने आगे कहा,
ये बोरिस और सोफिया की शख्सियत को दिखाता है. ऐसे लोग जिन्होंने सहजता और बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद करने की कोशिश की.
बता दें कि 15 दिसंबर 2025 को सिडनी के बोंडी बीच पर यहूदी लोग हनुक्का त्योहार मनाने जुटे थे. इस दौरान दो बंदूकधारियों साजिद अकरम और उसके बेटे नावेद अकरम ने अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं. इस हमले में 15 लोगों की जान चली गई.
वीडियो: दुनियादारी: ऑस्ट्रेलिया के बोंडी बीच हमले के पीछे ISIS वाली सोच?

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