मोदी सरकार किसानों को मनाने में जुटी है, और ये मंत्री जी गुस्से में बेकाबू हो गए
किसानों के मुद्दे पर हरियाणा सरकार से एक विधायक ने समर्थन वापस ले लिया है
Advertisement

केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया अपने प्रोग्राम में काले झंडे दिखाए जाने से इतने खफा हो गए कि विवादित बयान दे दिया. (फोटो - फेसबुक)
रतनलाल कटारिया. केंद्र सरकार में मंत्री हैं. किसानों के आंदोलन को देखते हुए जहां केंद्र सरकार उनके प्रतिनिधियों से बातचीत कर मामला सुलझाने की कोशिश में हैं. वहीं, इन मंत्री जी ने किसानों को लेकर विवादित बयान दे दिया है. अंबाला से भाजपा सांसद रतनलाल कटारिया दरअसल अपने कार्यक्रम में काले झंडे दिखाए जाने से नाराज थे.
केंद्रीय जल शक्ति और सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया अपने क्षेत्र अंबाला में रेलवे अंडरब्रिज का शिलान्यास करने गए थे. उसी दौरान किसान संगठन से जुड़े लोगों ने काले झंडे दिखाकर विरोध जताना शुरू कर दिया. मोदी सरकार और कटारिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई. इसी घटना से गुस्साए कटारिया ने पत्रकारों के सामने कहा कि अगर किसानों को विरोध ही करना था, काले झंडे ही दिखाने थे, तो कहीं और मर लेते. देखिए, ये विडियो-
#FarmActs पर Modi government-Farmers में बातचीत के बीच Central minister Ratanlal kataria का विवादित बयान-#FarmersProtest2020 #FarmerPolitics #FarmersBill pic.twitter.com/PbI4Ysdjnb
— The Lallantop (@TheLallantop) December 1, 2020
हरियाणा सरकार से विधायक ने वापस लिया समर्थन
किसानों के तेज होते प्रदर्शन के बीच हरियाणा की भाजपा सरकार से एक विधायक ने समर्थन वापस ले लिया है. दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने राज्य की बीजेपी-जेजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने का मंगलवार को ऐलान किया. उन्होंने हरियाणा सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा,"इस सरकार ने किसानों के मुद्दे से सहानुभूति रखने की जगह उन्हें दिल्ली जाने से रोकने के लिए वॉटर कैनन और आंसू गैस जैसे तमाम हथकंडे अपनाये. मैं ऐसी सरकार का समर्थन नहीं कर सकता."इससे एक दिन पहले सोमबीर सांगवान ने हरियाणा लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को एक चिट्ठी लिखकर कहा कि पूरे देश की तरह मेरे क्षेत्र दादरी से भी किसान आंदोलन कर रहे हैं. इस स्थिति में उन्हें पूर्ण समर्थन देना मेरी प्राथमिकता और मॉरल ड्यूटी है.
RLP ने दी NDA छोड़ने की धमकी
किसानों के आंदोलन के मसले पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) ने भी एनडीए से अलग होने की धमकी दे दी है. इस मसले पर अकाली दल पहले ही एनडीए छोड़ चुका है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया और राजस्थान के एमपी हनुमान बेनीवाल ने कहा कि"राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी एनडीए का घटक दल है, परन्तु आरएलपी की ताकत किसान और जवान दोनों हैं. ऐसे में अगर किसानों के मामले में त्वरित कार्यवाही नही की गई, तो मुझे किसान हित में एनडीए का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा."बेनीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह को ट्वीट करके किसान कानून वापस लेने को भी कहा. उन्होंने कहा कि-
श्री @AmitShah जी,देश मे चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से सम्बंधित लाये गए 3 बिलों को तत्काल वापिस लिया जाए व स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए ! — HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) November 30, 2020हनुमान बेनीवाल ने पहले कहा था कि अगर पुलिस और सरकारें किसानों के खिलाफ कठोर नीतियां अपनाती हैं तो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी देशभर में प्रदर्शन करेगी. बता दें कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का राजस्थान के जाट समूह में तगड़ा सपोर्ट है.