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बीरभूम हिंसा पर सीएम ममता बनर्जी ने क्या कहकर अपनी ही पुलिस पर निशाना साधा?

ममता बनर्जी ने घटना के पीछे साजिश होने की आशंका भी जताई.

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ममता बनर्जी बीरभूम हिंसा के पीड़ितों से मिलती हुईं. (साभार-आजतक)
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उदय भटनागर
24 मार्च 2022 (Updated: 24 मार्च 2022, 01:04 PM IST) कॉमेंट्स
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बीरभूम हिंसा (Birbhum Violence) को लेकर बंगाल सरकार और सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) विपक्ष के निशाने पर हैं. घटना को लेकर मची गहमागहमी के बीच गुरुवार 24 मार्च को ममता बनर्जी बीरभूम के दौरे पर पहुंचीं. वहां उन्होंने अपनी ही पुलिस को निशाने पर ले लिया. ममता बनर्जी ने पुलिस की लापरवाही की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर वो समय पर पहुंच जाती तो ऐसी घटना नहीं होती. सीएम ने कहा कि जो पुलिस वाले इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद ममता ने पुलिस को बगतूई गांव के टीएमसी ब्लॉक प्रेसिडेंट अनारुल हुसैन (Anarul Hussain) को गिरफ्तार करने के आदेश भी दिए. ताजा अपडेट ये है कि हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया है.

क्या-क्या बोलीं ममता?

आजतक से जुड़े अनुपम मिश्रा की रिपोर्ट के अनुसार ममता बनर्जी ने बीरभूम हिंसा मामले के पीछे एक बड़ी साजिश और बाहरी तत्वों के शामिल होने का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की बात कही. उन्होंने कहा,
"मैंने कभी नहीं सोचा था कि आधुनिक बंगाल में इतनी बर्बरता हो सकती है. मां और बच्चे मारे गए. इसमें एक बड़ी साजिश भी हो सकती है. पुलिस सभी एंगल से हत्या के कारणों की जांच करेगी."
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से बात करते हुए ममता ने कहा,
"शिकायतों के जवाब में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को दंडित किया जाना चाहिए. मुझे कोई बहाना नहीं चाहिए. मैं चाहती हूं कि जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया जाए और पुलिसकर्मियों को चूक के लिए दंडित किया जाए. गवाहों को संभावित हमलों से पुलिस द्वारा सुरक्षा दी जानी चाहिए."
गांव का दौरा करने के बाद ममता बनर्जी सीधे अस्पताल पहुंचीं. वहां उन्होंने घायलों का हालचाल जाना. ममता ने रामपुरहाट कांड में मारे गए लोगों के लिए 5-5 लाख रुपए के मुआवजे का भी ऐलान किया है. साथ ही जिनके घर जले हैं उनको 2-2 लाख रुपए मरम्मत के लिए दिए जाएंगे. बीजेपी और कांग्रेस भी घटनास्थल पर पहुंचे घटनास्थल पर कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल और बीजेपी का केंद्रीय दल भी पहुंचा. लेकिन दोनों को यहां तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधि दल को पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देते हुए बोलपुर में रोक दिया. लगभग 2 घंटे तक यहां रोके रखने के बाद पुलिस ने अधीर रंजन चौधरी को घटनास्थल तक जाने की इजाजत दी. वहीं बीजेपी केंद्रीय दल को बीरभूम के सैंथिया में टीएमसी समर्थकों ने रोक दिया. आज दिनभर मामले में क्या-क्या हुआ?
- आज कोलकाता हाई कोर्ट में रामपुरहाट मामले की सुनवाई का दूसरा दिन रहा. राज्य सरकार की ओर से मामले की केस डायरी और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की जांच रिपोर्ट अदालत को सौंपी गई. - डेरेक ओ ब्रायन और सुदीप बंद्योपाध्याय के नेतृत्व में 13 सदस्यीय टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने बीरभूम हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. - पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बीरभूम घटना को शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा कि ये शासन पर धब्बा है. लोकतंत्र में लोगों को इस तरह से जिंदा जलाना बहुत दर्दनाक होता है. सरकार को इससे सबक सीखना चाहिए. - विधानसभा में भी बीजेपी विधायकों की ओर से हंगामा किया गया और वॉकआउट किया गया. शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों ने विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. - बीजेपी के विरोध प्रदर्शन के जवाब में टीएमसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल दिया. कोलकाता के मेयर और मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना के बाद प्रधानमंत्री क्यों चुप रहे इसका जवाब दें. - बंगाल इमाम एसोसिएशन की ओर से रामपुरहाट की घटना को सदमा पहुंचाने वाला बताया गया. साथ ही ममता बनर्जी से घटना की जिम्मेदारी लेने की अपील की गई.

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