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पूर्व जिला परिषद सदस्य की गोली मारकर हत्या, बिहार सरकार की मंत्री पर लगा आरोप

समर्थकों ने शव रख रास्ता जाम किया, तोड़फोड़ और आगजनी.

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पूर्व जिला परिषद के सदस्य रिंटू सिंह (दाएं) की गोली मारकर हत्या का आरोप परिजनों ने बिहार सरकार में मंत्री लेसी सिंह (बाएं) पर लगाया. (बीच में आरोपी, जिसने गोली चलाई)
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उमा
14 नवंबर 2021 (Updated: 14 नवंबर 2021, 10:45 AM IST) कॉमेंट्स
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बिहार का पूर्णिया. यहां पूर्व जिला परिषद सदस्य विश्वजीत सिंह उर्फ रिंटू सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना CCVT में कैद हो गई.इसमें साफ दिखाई दे रहा है कि कैसे एक व्यक्ति अपना चेहरा पूरी तरह से छिपाए पीछे से आता और सरेआम गोली मार देता है. रिंटू सिंह की मौके पर ही मौत हो गई. हत्या का आरोप बिहार सरकार में मंत्री धमदाहा विधायक लेसी सिंह पर लगा है.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना सरसी थाने के पास की है. यहां के स्थानीय लोगों ने घटना पर अपना गुस्सा जताते हुए तोड़फोड़ की. शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया. और मांग की जब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होती, वो लोग यहां से नहीं उठेंगे. गुस्साए लोगों ने थाना परिसर में भी आगजनी की. जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई.

वहीं समर्थकों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के चलते रिंटू सिंह की हत्या हुई, क्योंकि उन पर तीन नवंबर को भी जानलेवा हमला हुआ था. शिकायत के बाद पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया. और इसी गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते रिंटू को अपनी जान गंवानी पड़ी.


रिंटू सिंह की पत्नी और जिला परिषद अनुलिका सिंह ने बताया कि तीन नवंबर को उनके पति पर जब फायरिंग हुई थी, तब वो और उनकी सास थाने गए थे. पर पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की. और कहा कि कोई फायरिंग नहीं हुई है. आप झूठ बोल रहे हैं. आपके पास इसका कोई सबूत नहीं है. पर फिर भी हम आपकी शिकायत दर्ज कर लेते हैं. लिखित शिकायत के मुताबिक, रिंटू सिंह दिन के 3:30 बजे जब सरसी आ रहे थे तभी रास्ते में उनके ऊपर हमला किया गया था.


 लिखित शिकायत की कॉपी. लिखित शिकायत की कॉपी.

उनकी पत्नी ने प्रशासन से इंसाफ की मांग करते हुए कहा कि उन्हें जानना है कि उनके पति की हत्या क्यों की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि इस हत्या के पीछे बिहार सरकार में खाद्य-उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह का हाथ है. उन्होंने कहा कि ये काम लेसी सिंह अपने भतीजे अठिया और मिट्ठू से करवाई हैं.

उन्होंने FIR में लिखवाया है कि मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि रिंटू सिंह संभावित उम्मीदवार हो सकते थे. मैं परेशान थी. नीतीश कुमार सरकार के नेतृत्व पर सभी को भरोसा करना चाहिए.

वहीं लेसी सिंह ने भी अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा-

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिंटू सिंह की पत्नी अनुलिका सिंह की तहरीर पर सरसी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें दो नामजद आशीष सिंह उर्फ अठिया और सुदेश सिंह समेत दो अज्ञात पर FIR हुई है. उधर, एसपी दयाशंकर ने सरसी पहुंचकर जाम खत्म करवाया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा. उन्होंने बताया,


रिंटू सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी. परिजनों ने सड़क जाम किया था. हमने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. परिजनों का बयान दर्ज किया गया है. उनका आरोप है कि थाना प्रभारी की लापरवाही के कारण ये घटना घटित हुई है. थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है. परिजनों के बयान के आधार पर हम कार्रवाई करेंगे. वैसे लगातार छापेमारी चल रही है. जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी.

इन सब के बाद तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके बिहार सरकार और पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठाए. उन्होंने लिखा नवनिर्वाचित जिला परिषद ने बिहार पुलिस अर्थात् जेडीयू पुलिस सह कार्यकर्ता को लिखित शिकायत की थी कि JDU की बिहार सरकार में मंत्री लेसी सिंह का भतीजा उनकी हत्या करवा सकता है, लेकिन JDU पुलिस अपना कार्यकर्ता वाला फर्ज़ निभाने में तत्पर रही और उसकी हत्या हो गयी. बिहार से अच्छा क़ानून का राज कहीं होगा क्या, जहां पुलिस ही नागरिकों और निर्वाचित विपक्षी जनप्रतिनिधियों की हत्या करवाती हो, जहां पुलिस ही शराब की तस्करी करती हो, जहां पुलिस ही थानों से शराब बेचती हो, जहां पुलिस सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता के रूप मेन कार्य करती हो?


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