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बिहार में पुल गिरने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज, सभी पुलों के हाई लेवल ऑडिट की मांग

Bihar Bridge Collapse: सुप्रीम कोर्ट में दायर Petition में लिखा है- बिहार में एक के बाद एक पुलों का ढहना साबित करता है कि उनसे कोई सबक नहीं सीखा गया है और पुलों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया गया है. इस बीच 4 जुलाई को बिहार में एक और पुल ढह गया.

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bihar bridge collapse petition moved to supreme court conduct highest level structural audit govt
भागलपुर और बेगूसराय में पुलों के ढहने की तस्वीरें (फोटो- आजतक)
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ज्योति जोशी
4 जुलाई 2024 (Published: 12:30 PM IST)
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बिहार में एक के बाद एक पुलों के ढहने का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है (Bihar Bridge Collapse). 3 जुलाई को ही बिहार के अलग-अलग जिलों में पांच पुलों के गिरने का मामला सामने आया. मामले को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है (Supreme Court Petition). मांग उठी है कि राज्य के सभी पुलों का हाई लेवल ऑडिट होना चाहिए.

आजतक से जुड़ी कनु सारदा की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाकर्ता एडवोकेट ब्रजेश सिंह ने अपनी याचिका में आग्रह किया है कि सुप्रीम कोर्ट को राज्य में मौजूद छोटे और बड़े पुलों और हाल के सालों में किए गए सरकारी निर्माण के संरचनात्मक ऑडिट का आदेश देना चाहिए. याचिका में लिखा है,

इस मुद्दे पर तत्काल विचार की आवश्यकता है. दो सालों के अंदर तीन प्रमुख निर्माणाधीन पुलों और अन्य कई पुलों के ढहने की घटनाएं घटीं जिनमें कुछ लोगों की मौत हो गई और अन्य लोग घायल हो गए. सरकार की घोर लापरवाही और ठेकेदारों और संबंधित एजेंसियों की भ्रष्ट सांठगांठ के चलते सरकारी खजाने और मानव जीवन को नुकसान हो सकता है.

याचिका में ये भी कहा गया है कि पुलों समेत सरकारी निर्माण की रीयल टाइम निगरानी के लिए एक दिशानिर्देश और नीति तैयार की जानी चाहिए. लिखा है कि बिहार में एक के बाद एक पुलों का ढहना साबित करता है कि उनसे कोई सबक नहीं सीखा गया है और पुलों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया गया है. इन नियमित घटनाओं को केवल दुर्घटनाएं नहीं कहा जा सकता है. ये मानव निर्मित आपदाएं हैं.

याचिका में आगे कहा गया कि बिहार भारत का सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित राज्य है. राज्य का कुल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र 68,800 वर्ग किमी है जो कि राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 73.06% है. बिहार में पुल गिरने की नियमित हो रही घटनाएं ज्यादा विनाशकारी है क्योंकि बड़े पैमाने पर लोगों का जीवन दांव पर है. ये गंभीर चिंता का विषय है.

ये भी पढ़ें- गिरने से बाज नहीं आ रहे बिहार के पुल, एक दिन में चार लुढ़क गए, वीडियो वायरल

एक दिन में पांच पुल ढहे!

3 जुलाई को बारिश और बरसाती मौसम के बीच बिहार में पांच पुल गिर गए. सारण जिले में गण्डकी नदी पर बने दो पुल गिर गए. वहीं सीवान में भी तीन पुल अपने आप ध्वस्त हो गए. इसके पहले भी इसी इलाके में एक पुल गिरा था. गनीमत यही है कि पुल गिरने की घटनाओं में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. 

इसके बाद 4 जुलाई को सुबह-सुबह सारण जिले के बनियापुर प्रखंड क्षेत्र के सरेया पंचायत में एक पुल टूटकर गिर गया.

17 दिनों में 12 पुल डूबे

18 जून- अररिया में पुल गिरा। ये 12 करोड़ की लागत से बना था.
22 जून- सीवान में पुल गिरा जो करीब 40 साल पुराना था.
23 जून - पूर्वी चंपारण में पुल गिरा। ये 1.5 करोड़ की लागत से बना था.
27 जून - किशनगंज में पुल गिरा। ये 25 लाख की लागत से बना था.
28 जून - मधुबनी में पुल गिरा। जो 3 करोड़ की लागत से बना था.

1 जुलाई- मुजफ्फरपुर में अतरार घाट पर बना बांस का पुल बागमती नदी की तेज धार में बह गया.

3 जुलाई- एक साथ 5 पुल गिरे. कहां-कहां गिरे.

1- सीवान के देवरिया पंचायत में पड़ाइन टोला में गंडकी नदी पर बना पुल गिरा. ये पुल करीब 30-40 साल पुराना था.

2- सीवान के सिकंदरपुर और नौतन के बीच धमही नदी पर बना पुल गिर गया. ये पुल भी करीब 30-40 साल पुराना था और इसकी लंबे समय से मरम्मत नहीं हुई थी.

3- सीवान की तेघड़ा और तेवथा पंचायत के बीच धमही नदी पर बना पुल गिरा. इसकी कुछ दिन पहले मरम्मत हुई थी उसके बाद भी ये ढह गया.

4- सारण के लहलादपुर प्रखंड में जनता बाजार स्थित गंडकी नदी पर बना श्री ढोंढनाथ मंदिर के पास बना पुल गिर गया. ये पुल 2004 में बना था.

5 - सारण के दंदासपुरा जंगलविलास टोला के पास गंडकी नदी पर बना पुल ढह गया. ये पुल अंग्रेजों के जमाने में बना था.

फिर 4 जुलाई को सुबह-सुबह सारण जिले में एक पुल टूटकर गिर गया.

वीडियो: बिहार में मानसून आने के साथ ही एक और पुल गिर गया, इस बार मधुबनी में

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