हॉस्टल में कट्टा लेकर चलती थीं सीनियर स्टूडेंट्स, अरेस्ट हो गई
भोपाल के एक सरकारी हॉस्टल में रैगिंग का मामला. जूनियर्स के कपड़े फाड़ देती थी ये सीनियर्स.
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Credit: Reuters
हॉस्टल में रहने वाली दो बहनें. दोनों ने जूनियर्स को परेशान कर रखा था. रैगिंग के नाम पर बाकी लड़कियों के साथ बदसलूकी करती थीं. लात-घूंसे भी मारती थीं. वार्डन भी इन दोनों का साथ देती थीं. एक लड़की ने पुलिस की निर्भया टीम को शिकायत की. दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है.भोपाल का कमला नेहरु गर्ल्स हॉस्टल. 150 लड़कियों के रहने की जगह जिसमें 250 लड़कियां रहती हैं. दो बहनें पिछले 8 सालों से वहीं रह रही थीं. प्रीति और सीमा. दोनों ने एक कमरा भी पिछले 8 सालों से हथिया रखा था. दोनों खुद को 'डॉन' कहती थीं. हॉस्टल के जूनियर्स इन दोनों से बहुत डरते थे. ये दोनों कभी भी किसी से अपने कपड़े-बर्तन धुलवाती थीं. मना करने पर मार-पीट करती थीं. हॉस्टल की वार्डन को सब पता था. लेकिन वो भी कभी इन दोनों को कुछ नहीं करती थी. सब देख कर भी इग्नोर कर देती थीं.
हॉस्टल की लड़कियों ने बताया कि वो दोनों अपने पास कट्टा रखती थीं. और खुले आम हॉस्टल में कट्टा लेकर घूमती थीं. वो लड़कियों में अपना टेरर बनाए रखना चाहती थीं. हॉस्टल में लड़कों की एंट्री मना थी. लेकिन फिर भी कई बार आधी रात में उनके साथ लड़के हॉस्टल आ जाते थे. कहते थे उनके भाई हैं. प्रीति और सीमा अपनी जूनियर्स से लड़कों के लिए भी खाना बनवाती थीं.इन हरक़तों से लड़कियां बहुत परेशान हो चुकी थीं. कई बार वार्डन से शिकायत की. कोई एक्शन नही लिया गया. जूनियर्स ने आदमजाति कल्याण विभाग और श्यामला हिल्स थाने में भी शिकायत की. लेकिन उन दोनों के खिलाफ कभी कोई स्टेप नही उठाए गए. किसी ने सीरियसली लिया ही नहीं. लेकिन सृष्टि नाम की एक लड़की ने हिम्मत करके पुलिस की निर्भया सेल में कंप्लेंट की. मध्य प्रदेश की महिला आयोग अध्यक्ष लता वानखेड़े से शिकायत की. लता वानखेड़े लड़कियों से मिलने हॉस्टल पहुंची. लड़कियों ने उनको अपनी परेशानी बताई.
सृष्टि ने बताया कि कुछ दिनों पहले प्रीति और सीमा ने उससे खाना बनाने को कहा था. लेकिन उसको खाना बनाना नही आता था. उसने मना कर दिया. दोनों लड़कियों ने सृष्टि को पहले तो बहुत मारा. फिर उसके कपड़े फाड़ दिए. पहले भी कई बार वो दोनों लड़कियों के कपड़े फाड़ दिया करती थीं. उसके बाद से आये दिन वो लोग सृष्टि को टार्चर करने लगीं.हॉस्टल की लड़कियां उनसे बहुत डरती थीं. अब उन दोनों को श्यामला हिल्स थाने पुलिस ने पकड़ लिया है. उनसे पूछताछ चल रही हैं.
ये बहुत ही वीभत्स घटना है. हॉस्टल. घर के बाद दूसरा घर. कॉलेज की ज़िन्दगी का सबसे अच्छा समय. सबसे अच्छा दौर. हॉस्टल में जो दोस्त बनते हैं. सगे रिश्तेदारों से भी ज्यादा अपने हो जाते हैं. 24 घंटे का साथ होता है. एक दूसरे के साथ हर छोटी-बड़ी बात शेयर की जाती है. जब हम अपने घर से हॉस्टल रहने जाते हैं. इस उम्मीद से कि वहां हम सेफ रहेंगे. खुश रहेंगे. लेकिन जब वहीं ऐसी हरक़तें होती हैं. बहुत बड़ा सवाल उठाती हैं. अगर कोई हमें मानसिक और शारीरिक रूप से टार्चर करे. तो वहां रह पाना नामुमकिन हो जाता है.सबसे बड़ी बात. कोई भी शख्स एक सरकारी हॉस्टल में अपने साथ कट्टा कैसे रख सकता है. अगर ये बात वार्डन को पता थी तो कोई भी एक्शन क्यों नहीं लिया गया. रैगिंग इंडिया में बैन है. लेकिन फिर भी एक सरकारी हॉस्टल में खुले आम सीनियर्स अपनी जूनियर्स के साथ ऐसी बदसलूकी कर रही हैं. जूनियर्स कह रही हैं कि पहले भी कई बार शिकायत की गई थी. फिर भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया. ये प्रशासन और पुलिस व्यवस्था पर बहुत बड़ा सवाल है. लड़कियों की सुरक्षा का मामला है. ये तो अच्छा हुआ एक लड़की ने हिम्मत करके निर्भया सेल में शिकायत कर दी. वरना उन दोनों का टेरर इसी तरह बना रहता. और जूनियर्स इसी डर में जीती रहतीं कि कब उनके साथ बदसलूकी हो जाए.