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'वे डॉनल्ड ट्रंप की हत्या करना चाहते हैं', नेतन्याहू का ईरान पर बड़ा आरोप

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने दावा किया कि ईरान की इस्लामिक सरकार ने डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) को मारने की साजिश रची थी. उन्होंने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर ट्रंप काफी सख्त रहे इसलिए वो उसके दुश्मन नंबर एक हैं.

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Benjamin Netanyahu claimed iran wants to kill trump
नेतन्याहू ने दावा किया कि ईरान ट्रंप की हत्या करना चाहता है. (फोटोः India Today)
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राघवेंद्र शुक्ला
16 जून 2025 (Updated: 16 जून 2025, 05:45 PM IST) कॉमेंट्स
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ईरान से जारी सैन्य संघर्ष के बीच इजरायल (Israel Iran War) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि ईरान की इस्लामिक सरकार अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) की हत्या करना चाहती है. नेतन्याहू ने कहा कि ईरान की सरकार के लिए ट्रंप 'दुश्मन नंबर एक' हैं. 

फॉक्स न्यूज के ब्रेट बेयर से बात करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप एक मजबूत नेता हैं, जिन्होंने ईरान के साथ ‘कमजोर समझौते’ करने की बजाय ‘कड़ा रुख’ अपनाया. इजरायली पीएम ने दावा किया कि ट्रंप बहुत ताकतवर (Forceful) हैं, इसलिए ईरान के लिए वह सबसे बड़े दुश्मन हैं. उनके मुताबिक, ट्रंप का ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने का सख्त रवैया उन्हें ‘निशाना’ बनाने की वजह है. 

नेतन्याहू ने कहा,

वे (ईरान) उन्हें (ट्रंप को) मारना चाहते हैं. वो उनके दुश्मन नंबर एक हैं. वह फैसला लेने वाले (Decisive) नेता हैं. उन्होंने ईरान न्यूक्लियर डील के ’फर्जी समझौते' को उठाया और ‘उसे फाड़ दिया’. उन्होंने (ईरानी सैन्य कमांडर) कासिम सुलेमानी को मरवा दिया और साफ कर दिया कि तुम परमाणु हथियार नहीं बना सकते. वह इसे लेकर बहुत सख्त रहे. इसलिए उनके लिए वह दुश्मन नंबर वन हैं.

नेतन्याहू ने ईरान के ‘परमाणु खतरे’ से मुकाबला करने के मामले में खुद को ‘ट्रंप का जूनियर पार्टनर’ बताया. उन्होंने दावा किया कि ईरान ने उनके घर की खिड़की पर मिसाइल दागकर उनकी हत्या की भी कोशिश की थी.

नेतन्याहू ने ईरान के खिलाफ इजरायल की सैन्य कार्रवाई को सही ठहराते हुए दावा किया,

हम इस समय दोहरे खतरे का सामना कर रहे हैं. एक तो ईरान तेजी से परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है, जिसका साफ और घोषित मकसद हमें नष्ट करना है. दूसरा वह अपने बैलिस्टिक मिसाइल हथियारों के जखीरे को तेजी से बढ़ाने में लगा है. यह तीन साल में 10 हजार और 26 साल में 20 हजार तक पहुंच सकता है.

उन्होंने कहा, 

कोई भी देश इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता. खासतौर पर इजरायल जैसा छोटा देश तो बिल्कुल नहीं. इसलिए हमें कार्रवाई करनी पड़ी.

फॉक्स न्यूज को नेतन्याहू ने बताया कि उनका मानना ​​है कि इजरायल की आक्रामक कार्रवाई ने ईरानी परमाणु कार्यक्रम को काफी पीछे धकेल दिया है. उन्होंने कहा कि इजरायल न केवल अपनी बल्कि दुनिया की भी रक्षा कर रहा है. 

हालिया कार्रवाई से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को काफी नुकसान पहुंचा है. नेतन्याहू ने इस अभियान को 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' नाम दिया और इसे इतिहास की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाइयों में से एक बताया. उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल ईरान की ओर से दुनिया के लिए पैदा किए गए परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल खतरे को खत्म करने के लिए जो भी जरूरी होगा, वह करने के लिए तैयार है. 

वीडियो: ईरान-इजरायल टेंशन के बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने India-Pakistan का जिक्र क्यों किया?

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