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राजस्थान से आए 'कुत्ते के मीट' का सच क्या निकला? पूर्व BJP सांसद पर केस क्यों हो गया?

कुछ दिन पहले को पुनीत केरेहल्ली नाम के एक शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. केरेहल्ली अपनेआप को ‘हिंदुत्व एक्टिविस्ट’ बताते हैं. उन पर मर्डर का केस भी दर्ज है. बीती 26 जुलाई को केरेहल्ली ने बेंगलुरु सिटी रेलवे स्टेशन पर हंगामा खड़ा कर दिया. उन्होंने दावा किया कि एक कार्टन में उन्हें ‘कुत्ते का मांस’ मिला है जिसे शहर में भेड़ का मांस बताकर बेचा जाएगा.

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Pratap Sinha
बीजेपी के पूर्व सांसद प्रताप सिम्हा. (इंडिया टुडे)
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सौरभ
1 अगस्त 2024 (Published: 09:50 PM IST)
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कुत्ते के मीट के आरोप से शुरू हुए विवाद में अब पूर्व भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. सिम्हा और बीजेपी के कुछ नेता स्थानीय पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप में उनके खिलाफ केस दर्ज किया है.

'कुत्ते के मीट' पर शुरू हुआ विवाद

कुछ दिन पहले को पुनीत केरेहल्ली नाम के एक शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. केरेहल्ली अपनेआप को ‘हिंदुत्व एक्टिविस्ट’ बताते हैं. उन पर मर्डर का केस भी दर्ज है. बीती 26 जुलाई को केरेहल्ली ने बेंगलुरु सिटी रेलवे स्टेशन पर हंगामा खड़ा कर दिया. उन्होंने दावा किया कि एक कार्टन में उन्हें ‘कुत्ते का मांस’ मिला है जिसे शहर में भेड़ का मांस बताकर बेचा जाएगा. मीट के जिस कन्साइंमेंट पर केरेहल्ली आरोप लगा रहे थे उसे अब्दुल रज्जाक नाम के व्यापारी ने राजस्थान से मंगाया था.

स्टेशन पर हंगामे के बाद पुलिस ने केरेहल्ली को गिरफ्तार कर लिया था. वो 31 जुलाई को जमानत पर जेल से बाहर आए. फिर उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस स्टेशन में उनके साथ ज्यादती हुई है. पुलिस ने उन्हें टॉर्चर किया और उन्हें नग्न रखा गया. इसी के खिलाफ बीजेपी के पूर्व सांसद प्रताप सिम्हा, बीजेपी विधायक हरीश पून्जा कुछ अन्य नेताओं के साथ बसवेश्वर नगर पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गए.

सिम्हा ने विजय नगर के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर चंदन कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा,

“केरेहल्ली को कॉटनपेट पुलिस स्टेशन के एक कमरे में ले जाया गया और नग्न अवस्था में खड़ा कर दिया गया. क्या कानून किसी को भी नग्न अवस्था में खड़ा करने की अनुमति देता है? क्या पुलिस विभाग में समलैंगिक लोग भी हैं?”

कुत्ते का मीट या भेड़ का मीट?

आरोपों के बाद कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने 84 पार्सल एकत्र किए और मांस को हैदराबाद स्थित ICAR-राष्ट्रीय मांस अनुसंधान संस्थान भेज दिया.

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि परीक्षण के नतीजों से यह निष्कर्ष निकला है कि यह भेड़ का मांस था. उन्होंने लोगों से अफवाह ना फैलाने का आग्रह किया.

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