6 जून 2016 (Updated: 6 जून 2016, 08:47 AM IST) कॉमेंट्स
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अक्सर लोग बंदूक को अपनी शान से जोड़कर देखते हैं. पिस्टल लोगों के लिए स्टेटस सिम्बल हो गया है. पर अब मध्य प्रदेश का राजगढ़ जिला प्रशासन उन्हें बताएगा, असली इज्जत कैसे मिलती है. शानदार कदम उठाते हुए राजगढ़ में नया नियम लागू कर दिया गया है. इसके हिसाब से बंदूक का लाइसेंस तभी मिलेगा, जब लाइसेंस लेने वाला साबित कर दे कि उसके घर में टॉयलेट है.
मध्य प्रदेश के डीएम तरुण पिथोडे कहते हैं कि जो 50 हजार की बन्दूक खरीद सकता है. वो हजार रुपये खर्चकर घर में टॉयलेट क्यों नहीं बनवा सकता? इसलिए बंदूक का लाइसेंस तभी दिया जायेगा, जब लाइसेंस मांगने वाला इस बात का सबूत दे दे कि उसके घर में टॉयलेट है.
कैसे देना होगा सबूत?
दो तरह से ये काम किया जा सकता है. एक तो वह डॉक्यूमेंट दे इस बात का कि उसके घर में टॉयलेट है. या फिर एफिडेविट दे. इसके बाद इसकी जांच होगी. जब जांच में पाया जाएगा कि लाइसेंस मांगने वाले के घर में पक्का टॉयलेट है. तभी उसे बंदूक का लाइसेंस दिया जायेगा.
राजगढ़ में हर साल बंदूक के लाइसेंस के लिए 700 एप्लीकेशन आती हैं. राजगढ़ एसपी राकेश सागर ने इस कदम को सरकार के स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा बताया.