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  • Banda sessions court sentenced death to Kinnar Yadav convicted for murder of wife in 2020 Uttar Pradesh

पत्नी का कटा सिर हाथ में लेकर पहुंचा था थाने, अब कोर्ट ने ऐसी सजा सुनाई है जो मिसाल बन जाएगी

Banda murder case: उत्तर प्रदेश के Banda ज़िले की ये घटना 2020 की है. चार साल बाद कोर्ट ने फ़ैसला लिया है. इस दौरान 11 गवाह पेश किए गए, 5 जज बदले गए और 60 से ज़्यादा तारीख़ें पड़ीं. आरोपी को पत्नी का कटा सिर लेकर जिसने भी थाने जाते देखा, हैरान रह गया था.

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Banda sessions court awarded the death sentence to Kinnar yadav
चार साल बाद कोर्ट फ़ैसले पर पहुंची कोर्ट. (फ़ोटो - आजतक)
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हरीश
1 अगस्त 2024 (Updated: 1 अगस्त 2024, 10:52 AM IST)
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बांदा ज़िले में कोर्ट ने एक मामले में आरोपी पति को दोषी करार देते हुए, उसे फांसी और 13,000 रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई है. पति पर आरोप है कि वो अपनी पत्नी पर शक करता था. इसी सिलसिले में उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी. साथ ही, उसके सिर के बालों को पकड़कर सड़क पर चलते हुए थाना पहुंचा था. इस घटना को जिसने भी देखा, दंग रह गया था. मामला 2020 का है. अब चार साल बाद कोर्ट फ़ैसले पर पहुंची है. इस दौरान अभियोजन (prosecution) ने 11 गवाह पेश किए, 5 जज बदले गए और 60 से ज़्यादा तारीख़ें पड़ीं.

बांदा हत्याकांड में क्या है पूरा मामला?

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक़, घटना बबेरू थाना क्षेत्र के नेता नगर की है. यहां के रहने वाले 39 साल के किन्नर यादव को अपनी पत्नी विमला पर शक था. इसीलिए 9 अक्टूबर, 2020 को उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी और उसके कटे सिर को लेकर बबेरू थाने पहुंचा. उस पर पीड़िता के पिता ने FIR दर्ज कराई थी. मामले में बांदा के SP अंकुर अग्रवाल ने बताया कि पीड़िता के पिता की शिकायत पर आरोपी के ख़िलाफ़ IPC की धारा 302 (हत्या) के तहत केस दर्ज किया गया. इसके बाद महिला के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. पूरी तरह जांच की गई. जिस हथियार से हमला किया गया था, उसके नमूने लिए गए. तत्कालीन इंस्पेक्टर जयश्याम शुक्ला ने हथियार को लैब भेजकर छानबीन करवाई थी.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के मुताबिक़, एसपी अंकुर ने आगे बताया,

मामले में वैज्ञानिक सबूतों का इस्तेमाल किया गया और एक मजबूत केस तैयार किया गया. 27 अक्टूबर, 2020 को बांदा सेशन कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई. सरकारी वकील विजय बहादुर सिंह और उमाशंकर सिंह ने पुलिस की मदद से कोर्ट में मजबूत केस पेश किया.

ये भी पढ़ें - पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने दलित युवक को रातभर पीटा, दो पुलिस वाले सस्पेंड, FIR दर्ज

पत्नी पर शक के चलते की हत्या

सरकारी अधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने बताया कि फ़ैसला आने में पौने चार साल लगे हैं, क्योंकि एक ज़रूरी गवाह के बारे में पता लगाने में ढाई साल लग गए. वो घायल हो गया था और गांव छोड़कर चला गया था. कोर्ट में 11 गवाह पेश किए गए, 60 तारीख़ों में मामले सुने गए और 5 जज बदले गए हैं. जानकारी के मुताबिक़, घटना की वजह ये थी कि आरोपी पति, अपनी पत्नी पर शक करता था कि उसका किसी दूसरे युवक से सम्बन्ध था. इसीलिए उसने युवक को भी अपने घर बुलाकर मारने की कोशिश की थी, लेकिन उसने जैसे-तैस भागकर जान बचाई थी. घटना के बाद युवक को अस्पताल पहुंचाया गया था. किन्नर यादव अपनी पत्नी और उसके कथित प्रेमी दोनों को मारना चाहता था.

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