'निर्भया कांड में फांसी से रेप के बाद हत्या बढ़ी', बयान देकर घिरे अशोक गहलोत
दिल्ली महिला आयोग चीफ स्वाति मालीवाल ने कहा कि रेपिस्ट की भाषा ना बोलें राजस्थान के CM.
राजस्थान (Rajasthan) के सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) का एक बयान चर्चा में हैं. गहलोत ने कहा कि निर्भया (Nirbhaya) के दोषियों को फांसी की सजा हो गई, इस वजह से रेप के बाद महिलाओं की हत्याएं बढ़ रही हैं. बयान सामने आने के बाद गहलोत घिरते नज़र आ रहे हैं. बीजेपी (BJP) ने भी गहलोत पर निशाना साधा है, तो वहीं दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने भी निंदा की है.
दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान गहलोत मीडिया से बात कर रहे थे. गहलोत ने कहा कि बच्चियों से रेप की घटनाएं बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा,
निर्भया केस के बाद कानून बन गया कि दोषी होने पर फांसी की सजा मिलेगी, इसके बाद से हत्या काफी बढ़ गईं. रेप करने वाला देखता है कि लड़की तो गवाह बन जाएगी मेरे खिलाफ. इसलिए वो रेप भी करते हैं और हत्या भी कर देते हैं बच्चियों की.
गहलोत की बयान पर बीजेपी ने जमकर निशाना साथा. राजस्थान से आने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा,
ये कानून बच्चियों को दुराचार से बचाने के लिए बनाया गया था. लेकिन मुख्यमंत्री ने काम नहीं किया और आपसी खींचतान की वजह से कानून व्यवस्था से सरकार का फोकस हटा और राजस्थान महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध का कैपिटल बन गया. और अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए इस तरह से कानून को दोष देना दुर्भाग्यपूर्ण है.
इधर, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने गहलोत के बयान को लेकर कांग्रेस और प्रियंका गांधी पर निशाना साधा. पूनावाला ने कहा,
गहलोत का ये बयान कांग्रेस का माइंडसेट दर्शाता है. वो दोषियों को सजा देने के बजाय कानून को ही दोष दे रहे हैं. वो चाहते हैं कि रेप के अपराधियों के लिए कड़े कानून नहीं होने चाहिए. और इस तरह की घटनाओं में अकसर राजनीति करने वाली प्रियंका गांधी, गहलोत के बयान पर चुप क्यों हैं. जब भी कांग्रेस का कोई नेता, मंत्री या मुख्यमंत्री इस तरह के बयान देता है, प्रियंका चुप रहती हैं.
गहलोत के इस बयान पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने गहलोत पर निशाना साधा. उन्होंने कहा,
अशोक गहलोत को रेपिस्ट की भाषा बोलना बंद करना चाहिए. जिस तरह उन्होंने निर्भया का मज़ाक उड़ाया, उससे पूरे देश की रेप पीड़िताओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है. मुख्यमंत्री का काम है कि वो इस तरह के कानूनों को सख्ती से लागू कराएं ना कि फालतू की बयानबाजी करें.
गहलोत के इस बयान पर अब तक कांग्रेस का पक्ष सामने नहीं आया है.
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