The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Arvind Kejriwal AAP withdraws from Delhi mayoral elections

दिल्ली मेयर चुनाव से पीछे हटी AAP, वजह क्या बताई?

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी को अपना मेयर खुद चुनना चाहिए, बीजेपी को अपनी स्टैंडिंग कमेटी बनानी चाहिए और बिना किसी बहाने के दिल्ली पर राज करे.

Advertisement
MCD
दिल्ली में 25 अप्रैल को होना है मेयर का चुनाव. (PTI)
pic
सौरभ
21 अप्रैल 2025 (Updated: 21 अप्रैल 2025, 05:15 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है. मेयर चुनाव 25 अप्रैल को होने हैं. AAP ने बीजेपी पर म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन पर नियंत्रण हासिल करने के लिए ‘अलोकतांत्रिक हथकंडे’ अपनाने का आरोप लगाया. पार्टी ने दावा किया है कि दिसंबर, 2022 के चुनाव में हार के बाद भी बीजेपी ने MCD पर नियंत्रण हासिल करने के सारी कोशिशें की हैं. अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने घोषणा की है कि AAP ना तो मेयर चुनाव लड़ेगी ना ही निकाय की स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में भाग लेगी.

AAP के दिल्ली संयोजक सौरभ भारद्वाज और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने इस विषय पर प्रेस कॉन्फ्रेस की. भारद्वाज ने कहा,

"हमने तय किया है कि इस बार मेयर के चुनाव में हम आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. बीजेपी को अपना मेयर खुद चुनना चाहिए, बीजेपी को अपनी ..."

उन्होंने बीजेपी पर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में ‘हेराफेरी’ करने का आरोप लगाया और कहा कि पिछले कई सालों से दिल्ली में सत्ता के लिए बीजेपी की ‘बेताबी’ देखी जा रही है. सौरभ भारद्वाज ने कहा,

"मार्च 2022 में, शाम 5 बजे MCD चुनावों की घोषणा होने से ठीक पहले, केंद्र और LG ऑफिस ने राज्य चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस को रोक दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव तुरंत न कराए जाएं और पहले परिसीमन किया जाए. उनका एकमात्र लक्ष्य चुनावों में देरी करना था क्योंकि उन्हें पता था कि वे बुरी तरह हारेंगे."

भारद्वाज ने आरोप लगाया कि परिसीमन की प्रक्रिया रणनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण थी. दावा किया,

"हर वार्ड को बीजेपी को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया था. AAP के गढ़ों को एक वार्ड में मिला दिया गया, जबकि बीजेपी के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों को उनकी संख्या बढ़ाने के लिए कई छोटे वार्डों में तोड़ दिया गया. इसके बावजूद, जब 4 दिसंबर को आखिरकार चुनाव हुए, तो AAP ने 134 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी केवल 104 सीटें ही जीत पाई."

हालांकि, कई पार्षदों के पार्टी बदलने के बाद फिलहाल MCD का गणित बदल गया है. 260 सीटों वाली एमसीडी में, AAP के पास 114 सीटें हैं, जबकि कांग्रेस के पास 8 हैं. दोनों पार्टियां दिल्ली में साथ हैं जिससे कुल 122 सीटें हो जाती हैं. 12 सीटें खाली होने के साथ, गठबंधन के पास 119 के बहुमत के आंकड़े से ज्यादा सीटें हैं. बीजेपी MCD में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है, जिसके पास 116 सीटें हैं. एमसीडी में 10 सीटें मनोनीत हैं. 250 सीटें वार्डों के माध्यम से चुनी जाती हैं.

दिल्ली में 25 अप्रैल को को मेयर का चुनाव होना है. इससे पहले 14 नवंबर, 2024 को मेयर का चुनाव हुआ था. तब आम आदमी पार्टी के महेश खिंची मेयर निर्वाचित हुए थे. उनको 133 वोट मिले थे और बीजेपी के किशन लाल को 130. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक तब बीजेपी उम्मीदवार को सदन में पार्टी के संख्याबल से 10 वोट अधिक मिले थे. 

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: MCD चुनाव केजरीवाल जीते, लेकिन अमित शाह का कौन सा दांव काम कर गया?

Advertisement