DDCA स्कैम वित्त मंत्री अरुण जेटली के गले की हड्डी बन गया है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके साथ खड़े हैं. बीजेपी के संसदीय दल की मीटिंग में उन्होंने कहा कि जेटली पूरी तरह बेदाग निकलेंगे.
प्रधानमंत्री ने बीजेपी सांसदों से कहा कि कांग्रेस उनके पवित्र नेताओं की छवि बार-बार खराब करने की कोशिश करती है और हमें इस साजिश के खिलाफ लड़ना है.
लेकिन इस दौरान प्रधानमंत्री एक ऐसी बात बोल गए जो बड़ी चर्चा बटोर रहा है. निकालने वाले इसके कई मतलब निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा, 'जब हवाला स्कैम में कांग्रेस ने आडवाणी जी का नाम घसीटा था, तो पूरा देश उनके साथ खड़ा हुआ था.' आगे मोदी ने कहा, 'आडवाणी जी जितने पवित्र हैं, जेटली जी भी उतने ही हैं.'
बीजेपी संसदीय दल की मीटिंग थी, तो जाहिर है इसमें आडवाणी भी मौजूद थे और उन्होंने भी यह बात सुनी. अब सोशल मीडिया के विचारक सोच रहे हैं कि मोदी ने दो नेताओं की 'पवित्रता' की तुलना की है या आडवाणी पर कोई ऐसा तंज दे मारा है जिसे सिर्फ वही समझ सकते हैं जो बीजेपी दफ्तर में पकने वाली हर खीर का स्वाद जानते हैं. हवाला का तार छेड़कर अपने सीनियर साथी को कोई नसीहत तो नहीं दे दी?
बहरहाल, कोई कैसी ही खीर खाए हमको क्या. बता दें आपको कि जेटली पर DDCA स्कैम का आरोप लगाने वाले कीर्ति आजाद शामिल नहीं थे इस मीटिंग में. ट्वीट करके बताया कि कुछ और प्रोग्राम पहले से तय था, इसलिए नहीं पहुंच पाए. मीटिंग का बायकॉट नहीं किया है.
हवाला स्कैम का मामला 90 के दशक में उठा था. केंद्र में पीवी नरसिम्हा राव की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार थी. सीबीआई ने हवाला स्कैम की जांच में आडवाणी से भी पूछताछ की थी. जवाब में आडवाणी ने इस्तीफा देकर संसद से बाहर चले गए थे और क्लीनचिट लेने तक संसद नहीं गए थे.
पर जेटली तो संसद आ रहे हैं ना?