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मथुरा: रामवृक्ष यादव के गुंडों ने SP-SHO को मार डाला, कुल 22 की मौत

मथुरा में अवैध कब्जा हटाने गई थी पुलिस टीम. कट्टे, देसी बम और तलवारों से सामना हुआ.

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3 जून 2016 (Updated: 3 जून 2016, 14:15 IST)
Updated: 3 जून 2016 14:15 IST
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मथुरा में भारी बवाल हो गया है. 280 एकड़ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटवाना सरकार को महंगा पड़ा. गुरुवार को कब्जा हटवाने गई पुलिस टीम से मार मच गई, जिसमें शहर के दो बड़े पुलिस अफसरों SP मुकुल त्रिवेदी और SHO संतोष कुमार समेत 24 लोगों की मौत हो गई.  कई गंभीर रूप से घायल हैं. CM ऑफिस ने SHO संतोष कुमार की फैमिली को 20 लाख रुपए की मदद का ऐलान किया है.
23 पुलिस वाले अस्पताल में भर्ती हैं. इनमें कुछ को गोली लगी है और कुछ को लाठी-डंडे से चोट लगी है. पुलिस के मुताबिक, इस घटना में कुल 22 उपद्रवियों की मौत हुई है. DGP नवीद के मुताबिक, 11 उपद्रवी अपनी ही झोपड़ियों में विस्फोट और 11 पुलिस के लाठी चार्ज में मारे गए.
https://www.youtube.com/watch?v=4Yf4klOu7KI
एसपी मुकुल द्विवेदी इस ऑपरेशन की अगुवाई कर रहे थे. उन्हें सिर में पत्थर लगा. खबरों के मुताबिक, अस्पताल में तीन हार्ट अटैक के बाद उनकी मौत हो गई. संतोष कुमार यादव को सिर में गोली लगी.
https://twitter.com/CMOfficeUP/status/738399490395148289
https://twitter.com/CMOfficeUP/status/738397782948466688
sp
शहीद SP मुकुल त्रिवेदी

 
शहीद SHO संतोष कुमार
शहीद SHO संतोष कुमार

कब्जा करने वाले ग्रुप की कुंडली

जवाहर पार्क है इस जगह का नाम. जिस पर 'आजाद भारत विधिक वैचारिक सत्याग्रही' ग्रुप ने कब्जा किया हुआ है. धरने के बहाने. और आज से नहीं, 11 जनवरी 2014 से वहां धरना चल रहा है. अफसर बताते हैं कि रामवृक्ष यादव इस पूरे मथुरा में बवाल के मामले में गुड़ का बाप कोल्हू है. उसी ने पुलिस पर हमले के लिए भी लोगों को भड़काया. 2500 जनों ने मिलकर ये जगह कब्जियाई हुई थी.  270 एकड़ के प्लॉट पर इन फर्जी सत्याग्रहियों ने दो साल से सैकड़ों झोपड़ियां बनाकर कब्जा कर रखा था. कब्जेदारों ने बड़े हमले के लिए पुलिस टीम तैयार नहीं थी. उन्हें पीछे हटना पड़ा. बाद में एक हजार पुलिस वालों ने नए सिरे से हमला किया और ऑपरेशन खत्म किया.
पुलिस वाले कहते तो हैं कि इन सबके पीछे कोई नेता-वेता का हाथ नहीं है. लेकिन लोकल लोगों की खुसफुसी पर जाएं तो समाजवादी पार्टी के नेताओं से कॉन्टैक्ट रखते थे, उनका प्रश्रय मिला था इनको.
'स्वाधीन भारतीय सुभाष सेना' इसी ग्रुप का नाम है. कहते हैं आजाद भारत नाम का ये ग्रुप नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्शों पर चल रहा है. उनकी आजाद हिंद फौज से इंस्पायर होकर ये ग्रुप बना है. इनकी मान्यता है कि मथुरा में जो बाबा जयगुरुदेव रहा करते थे वही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे.
इनकी मांगे कितनी वैचारिक हैं, देखें.
1: राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव रद्द किया जाए2: पेट्रोल का रेट एक रुपए प्रति 60 लीटर किया जाए3: डीजल का रेट एक रुपए में 40 लीटर किया जाए4: भारत की वर्तमान मुद्रा बदल दी जाए 5: गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए.

जब पुलिस की टीम पर हमला कर दिया

पिछले दो महीने से तैयारी चल रही है वो जमीन खाली कराने की. गुरुवार को सिटी SP पुलिस की टीम लेकर वहां गए. उस टीम पर ग्रुप के लोगों ने पत्थर से हमला कर दिया. थोड़ी देर बाद गोली भी चलने लगी. तब पुलिस को भी फायरिंग करनी पड़ी.
https://twitter.com/ANI_news/status/738625253937545216

उपद्रवियों का नेता रामवृक्ष यादव फरार

खबरों के मुताबिक, पुलिस टीम को फायरिंग की आशंका नहीं थी. कब्जेदारों का सामना करने के लिए अफसरों ने हाथों में डंडा लिए ट्रेनी सिपाहियों को आगे कर दिया. जो हालात से निपटने में नाकाम रहे. उनके हाथों में सिर्फ डंडे थे. जब बात बिगड़ी, तब अधिकारी आगे आए.
खैर ऑपरेशन पूरा हुआ. जमीन खाली हो गई. तमाम हथियारों का जखीरा बरामद किया गया. 45 ठो 315 बोर के देसी कट्टे,  5 राइफल 315 बोर की, 2 कट्टे 312 बोर के, और ढेरों कारतूस मिली है. यूपी डीजीपी जावीद अहमद ने बताया कि कब्जेदारों ने अपनी झोपड़ियों में आग लगा दी और इन झोपड़ियों में गैस सिलेंडर और विस्फोटक थे. उपद्रवियों का नेता रामवृक्ष यादव फरार हो गया है. उस पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट लगेगा.
सवाल ये भी है कि बीते दो साल में लगातार अपनी संख्या और सामर्थ्य बढ़ाने में जुटे ये लोग प्रशासन की निगाह से कैसे बचते रहे. जबकि साफ था कि इन्होंने प्रशासन से सिर्फ पांच दिन की मोहलत मांगी थी. वो पांच दिन 760 दिन से ज्यादा हो गए लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया और जब करने पहुंची भी तो बिना तैयारी के. जिसका नतीजा भारी रक्तपात और पुलिस वालों की मौत है.

लेकिन हेमा मालिनी बेखबर रहीं?

मथुरा जल रहा है, लेकिन सांसद हेमामालिनी अपने संसदीय क्षेत्र से दूर हैं. वह मुंबई के मड आईलैंड में शूटिंग में बिजी हैं. फिल्म का नाम है, 'एक थी रानी.' घटना गुरुवार की है, लेकिन शुक्रवार सुबह 11 बजे तक हेमा मालिनी को इसकी खबर ही नहीं थी. वह 11 बजे तक अपनी शूटिंग की तस्वीरें ट्विटर पर अपलोड कर रही थीं. उन्होंने लिखा था, 'इस फिल्म के जल्द रिलीज होने की उम्मीद.'
https://twitter.com/SmokingSkills_/status/738614390673440769
https://twitter.com/ANI_news/status/738618433139445761
लेकिन देर-सवेर उन्हें घटना का पता लगा तो उन्होंने ये तस्वीरें डिलीट कर लीं. इसके बाद उन्होंने चार ट्वीट किए. मृतक पुलिस वालों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि जरूरत पड़ी तो वहां जरूर जाऊंगी. रिपीट, 'जरूरत पड़ी तो जरूर जाऊंगी.'
https://twitter.com/dreamgirlhema/status/738618594058084352
https://twitter.com/dreamgirlhema/status/738618006289289216

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