राजस्थान: 28 घंटे तक पेड़ से लटकता रहा साधु का शव, सुसाइड नोट में लगाए BJP विधायक पर आरोप
सुसाइड नोट में विधायक के साथ जमीन विवाद का जिक्र है.
राजस्थान (Rajasthan) से एक और साधु की मौत की खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक मामला जालोर (Jalore) जिले का है. यहां 60 साल के एक साधु का शव पेड़ से लटका मिला. मृतक साधु का नाम रविनाथ बताया जा रहा है. रविनाथ की मौत 4 और 5 अगस्त की दरमियानी रात में हुई. पुलिस ने शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है. मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इसे आत्महत्या का ही मामला मान रही है. वहीं साधु के समर्थकों का आरोप है कि स्थानीय बीजेपी विधायक ने साधु को आत्महत्या के लिए उकसाया है.
आजतक से जुड़े जय किशन शर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले के राजपुरा गांव में स्थित सुंधा माता मंदिर की तलहटी के पास हनुमान आश्रम है. इसी आश्रम में रविनाथ रहते थे. रविनाथ को पढ़ना-लिखना आता था. सुसाइड नोट में साधु ने भीनमाल से बीजेपी के विधायक पूराराम चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अपने नोट में उन्होंने बीजेपी विधायक के साथ जमीन विवाद का जिक्र किया है. साथ ही ये भी अपील की है कि उनके शव का पोस्टमॉर्टम ना किया जाए.
28 घंटों तक लटका रहा शवआश्रम के दूसरे साधु-संतों का आरोप है कि पुलिस सुसाइड नोट को सार्वजनिक नहीं कर रही थी, इसलिए उन्होंने पेड़ से रविनाथ को उतारने नहीं दिया. जिस वजह से शव 28 घंटों तक पेड़ पर ही लटका रहा. बाद में जब पुलिस ने साधुओं की बात मानी तब जाकर शनिवार, 6 अगस्त की सुबह साढ़े 10 बजे शव को नीचे उतारा गया. इसके बाद साधु को समाधि देने के दौरान हंगामा हो गया. दरअसल आश्रम के लोग रविनाथ को विवादित जमीन पर समाधि देना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी. जिसके बाद नाराज लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. इसमें पुलिस के एक सिपाही समेत 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है. फिलहाल रविनाथ को समाधि नहीं दी गई है.
विधायक के खिलाफ मामला दर्जरविनाथ की मौत के मामले में पुलिस ने 5 अगस्त की रात करीब आठ बजे भीनमाल से भाजपा विधायक पूराराम चौधरी सहित तीन लोगों के खिलाफ जातिसूचक शब्द कहने और धमकाने का मामला दर्ज कर लिया. पुलिस के मुताबिक तीन दिन पहले विधायक ने अपने लोगों को आश्रम में गड्ढा खोदने के लिए भेजा था. इस खुदाई से रविनाथ परेशान हो गए थे.
विधायक ने क्या कहा?आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक साधुओं के द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में विधायक पूराराम चौधरी ने कहा कि सुंधा माता की तलहटी के पास हनुमान आश्रम के पीछे उनकी 20 बीघा व्यावसायिक जमीन है. विधायक के मुताबिक, उन्होंने इस जमीन को 30 साल पहले खरीदा था और वे इस पर एक रिजॉर्ट बनाना चाहते थे. 4 अगस्त को तहसीलदार से मंजूरी लेकर पटवारी ने उनकी जमीन की पैमाइश की थी. विवाद इस बात पर है कि सड़क से हनुमान आश्रम तक आने वाला रास्ता विधायक की जमीन से होकर गुजरता है. अगर इस जमीन पर निर्माण होता है तो सड़क से आश्रम जाने का रास्ता बंद हो जाएगा.
वहीं दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, जसवंतपुरा एसडीएम राजेंद्र सिंह का कहना है कि विधायक ने आश्रम को रास्ता देने की बात मान ली है. प्रशासन और साधु-संतों के बीच बनी सहमति के बाद श्री बाला जी हनुमान आश्रम तक जाने के लिए प्रशासन आधिकारिक तौर पर रास्ता देगा. आश्रम और सड़क के बीच विधायक की ओर से खुदवाए गए गड्ढों को रेत से भरा जाएगा.
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