अब आगरा में वंदे भारत ट्रेन पर चले पत्थर, टूट गए खिड़की के शीशे
ट्रेन मध्य प्रदेश के भोपाल से दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन जा रही थी. इस बीच ट्रेन आगरा रेलवे डिवीजन से भी गुजरी. तभी उस पर कुछ अज्ञात बदमाशों ने पत्थर मारे जिससे ट्रेन के कोच में लगे शीशे टूट गए.
एक बार फिर वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) पर पथराव का मामला सामने आया है. ये घटना 26 जुलाई को हुई. ट्रेन मध्य प्रदेश के भोपाल से दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन जा रही थी. इस बीच ट्रेन आगरा रेलवे डिवीजन से भी गुजरी. तभी उस पर कुछ अज्ञात बदमाशों ने पत्थर मारे जिससे ट्रेन के कोच में लगे शीशे टूट गए.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, पथराव की वजह से ट्रेन के C-7 कोच की सीट नंबर 13-14 की खिड़की का शीशा टूटा है. घटना की सूचना मिलने पर रेलवे की टीम मौके पर पहुंची. आगरा रेल मंडल की PRO प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. घटना में किसी भी यात्री को चोट नहीं आई है.
रेल मंत्री ने क्या बताया?इधर, 26 जुलाई को ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में वंदे भारत ट्रेन से जुड़े मामलों के हैरान कर देने वाला आंकड़ें साझा किए. उन्होंने बताया कि 2019 के बाद से वंदे भारत ट्रेनों पर पथराव के चलते रेलवे को 55 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. आगे बताया कि अब तक पथराव के मामलों में शामिल 151 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ये तमाम आंकड़ें लोकसभा में गुवाहाटी की एक सांसद क्वीन ओजा के लिखित प्रश्न के जवाब में दिए गए.
उन्होंने आगे बताया कि चलती ट्रेनों पर पथराव की घटनाओं को कंट्रोल करने के लिए की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में गाइडलाइंस जारी की गई हैं. उन्होंने बताया कि असामाजिक तत्वों के खिलाफ भी नियमित अभियान चलाया जा रहा है.
बकरियों की मौत के बदले पथराव!कुछ दिन पहले ही एक मामला सामने आया जहां बदला लेने के लिए कुछ लोगों ने ट्रेन पर पथराव किया. आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि 9 जुलाई के दिन वंदे भारत ट्रेन की चपेट में आने से उनकी बकरियों की मौत हो गई थी. वो इस बात से आहत थे. इसीलिए तीनों ने आक्रोशित होकर वंदे भारत पर पत्थरबाजी कर दी.
पत्थर फेंके जाने से कोच C-1, C-3 और एग्जिक्यूटिव कोच की खिड़कियों के शीशे टूट गए. अचानक हुए पथराव से कोच में बैठे यात्रियों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया. हालांकि, घटना में किसी यात्री को चोट नहीं आई.
वीडियो: वंदे भारत ट्रेन की बोगी से निकलने लगा धुआं, रेलवे को क्या पता चला?