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जलो मत, 'बडवाइज़री' करो: अस्पताल में बियर पार्टी करते जेल कैदी अनिल जिंदल का संदेश!

करोड़ों रुपयों के बाद बियर के चार कैन के गबन के आरोप हैं व्यवसायी अनिल जिंदल पर.

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रियल एस्टेड घोटाले में सज़ा काट रहे अनिल जिंदल अस्पताल में पार्टी करते दिखे. फोटो- वीडियो स्क्रीनग्रैब
16 सितंबर 2021 (Updated: 16 सितंबर 2021, 13:37 IST)
Updated: 16 सितंबर 2021 13:37 IST
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शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. ये बात सबसे पहले और बार-बार कही जानी चाहिए. हालांकि हानिकारक तो लगातार फेसबुक वॉच पर कपिल शर्मा के शो क्लिप्स देखते जाना भी है मगर उससे आपका लीवर ख़राब नहीं होता. सिर्फ समय ख़राब होता है. शराब को हानिकारक बताते हुए शराब की परिभाषा को ध्यान में रखना भी आवश्यक है ताकि ठीक-ठीक पता रहे कि क्या हानिकारक के दायरे में है और क्या नहीं. शराब पी-पी कर कोलेस्ट्रॉल को नित नई ऊंचाइयों पर पहुंचा चुके शराब के स्वघोषित पंडित कई बार ये कहते पाए गए हैं- "बियर कहां शराब होती है?" महज़ इस एक वाक्य को कहकर आप न सिर्फ स्वयं और अगले को शराब पीने के गिल्ट से मुक्त रख सकते हैं बल्कि शराब पीने की आदत पर आपको टोकने वाले व्यक्ति को त्वरित रूप से निरुत्तर कर सकते हैं. रियल एस्टेट घोटाले में सज़ा काट रहे SRS ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल भी शायद यही कहेंगे. जब वो बीमारी के बहाने अस्पताल में भर्ती होकर बियर का आनंद लेते अपने वीडियो पर जांच अधिकारियों को सफ़ाई दे रहे होंगे. "Beer कहां शराब होती है?!" मसला इतना सा है कि फ़रीदाबाद के मेट्रो हॉस्पिटल का एक वीडियो वायरल हो रहा है. यहां इलाज करवा रहे कैदी जिंदल साहब बियर पी रहे हैं. न केवल कैदी बल्कि उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारी भी साथ दे रहे हैं. हालांकि आप देखेंगे तो पाएंगे कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में कोई भी बियर पीते हुए नहीं दिख रहा है. लेकिन पीने के बाद पकड़े जाने वाले अपराधबोध में सभी ज़रूर दिख रहे हैं. हाथ में कनूला लगवाकर अस्पताल पहुंचे थे जानकारी के मुताबिक, ये वीडियो 28 और 29 अगस्त का है. जब अनिल जिंदल इलाज के लिए यहां भर्ती हुए थे. जिंदल साहब के हाथ में कनूला भी लगा हुआ है. जिससे साबित होता है कि वो बीमार थे. बीमार होने के लिए बीमार होना नहीं, दिखना ज़रूरी है. किसी को मरीज साबित करने के अलावा कनूला का एक और काम होता है. कि शरीर में जरूरी लिक्विड पहुंचाए जा सकें. बोतलें चढ़ाई जा सकें. जिंदल साहब को टोकिए मत. वो भी बोतल ही चढ़ा रहे थे. बोतल का सामान कैन में था बस. कोई वजह रही होगी कि बरसों से 'दवा-दारू' को एकसाथ बोला गया है. एकसाथ को एक साथ लिखते हैं या एकसाथ लिखते हैं. ये फ़िलहाल मेरे दिमाग से उतर गया है. बियर के बारे में एक और बात प्रचलित है. कि वो किडनी से स्टोन निकाल देती है. स्वघोषित एक्सपर्ट्स और फ्री की जानकारी देने वाले लोग अक्सर ये कहते पाए गए हैं कि बियर पीकर मूत्र को तबतक रोकिए जबतक छूटने को न आ जाए और फिर भागते हुए जाएं और प्रेशर से मूत्र को निकलने दें. ये झटका किडनी की पथरी झेल नहीं पाएगी और सट्ट से बाहर आ जाएगी. अजीब संयोग है कि बियर से किडनी स्टोन को निष्कासित करने की सलाह देने वाले ने कभी खुद ऐसा नहीं किया होता है. हालांकि उनके किसी अच्छे जानने वाले का ये आजमाया हुआ तरीका होता है. मुमकिन है जिंदल साहब को पथरी हो और उन्होंने सोचा अस्पताल जाकर इसका इलाज कर लिया जाए. शराब पीने के लिए अस्पताल से अच्छी जगह कोई हो तो बताओ? "बियर कहां शराब होती है?" कहने वाला जब आपको मिल जाए तो समझ लीजिए कि वो आदमी मद्यपान के उस स्तर पर पहुंच चुका है जहां उसे चढ़ाने से ज्यादा वक़्त अगले दिन उसे उतारने में लगता है. और जब कोई अस्पताल में बियर पी रहा हो तो इसका अर्थ है कि वो वहां पहुंच चुका है, जहां पहुंचने की बात पूज्य बाबूजी हरिवंशराय बच्चन मधुशाला के 135 स्टैंज़ा में कहते रहे. मंदिर, मस्जिद, गिरजे को मधु से जोड़ने वाले बाबूजी ने अस्पताल के बारे में नहीं लिखा. शराब पीने के लिए अस्पताल से मुफीद जगह कोई नहीं हो सकती. सोचिए, आपको अल्कोहल पॉइजनिंग हुई तो आप कहां जाएंगे? लीवर फेल हुआ तो कहां जाएंगे? शराब पीकर गाड़ी चलाने के बाद जो हाथ-पांव टूट गए तो कहां जाएंगे? अस्पताल ही न? "बियर कहां शराब होती है?" का मर्म वे नहीं समझ सकते जो पीते नहीं हैं. ऐसा वो सोचते होंगे जो पीते हैं. पूज्य बाबूजी ने लिखा है:
लालायित अधरों से जिसने, हाय! नहीं चूमी हालाहर्ष विकंपित कर से जिसने, हाय! न छुआ मधु का प्यालाहाथ पकड़ लज्जित साकी का पास नहीं जिसने खींचाव्यर्थ सुखा डाली जीवन की उसने मधुमय मधुशाला
साकी के कंसेंट को धता बताते हुए लिखी गई ये पंक्तियां ही सत्य हैं. यकीन न आता हो तो भगवाधारी बियर बाबा से जानें: https://twitter.com/dillidurast/status/1276556484738859008 बाबा द्वारा विश्व की सर्वश्रेष्ठ घोषित हो चुकी बडवाइजर के कैन ही जिंदल साहब के वायरल वीडियो में दिख रहे हैं. ये कैसा संयोग है! कोने में बैठ रोटी-सब्जी को चखना स्वरूप ग्रहण करते हुए पुलिस कर्मी के मुखमंडल पर भी बाबा वाला ही भाव है- क्या हुआ जो एक कैन ले लिया. इससे मेरी साधना पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. "बियर कहां शराब होती है?" में एक अर्थ और भी छिपा है कि ये सिर्फ शराब नहीं होती. आत्मा के लिए भोजन होती है. जैसे एक नन्ही तितली के लिए फूलों का रस. बियर सिर्फ दो लोगों के लिए शराब होती है. एक जो मंगलवार को नहीं पीते. दूसरे जो नाके पर गाड़ियां रोक ड्राइवरों की सांस की जांच करते हैं. और हां, मेट्रो हॉस्पिटल नाइट सिक्योरिटी में तैनात गार्ड ने बताया कि जब उसने जिंदल की टीम को मना किया, तो वो लोग अस्पताल के बड़े डॉक्टर की अप्रोच के साथ-साथ बड़े राजनेताओं का नाम लेने लगे. और अक्सर यहां पर आने के बाद यहां पर इस तरह की फैसिलिटी मिलने की बात करने लगे. और इस तरह गार्ड को चुप करवा दिया गया. लेकिन किसी ने वीडियो वायरल कर दिया. वीडियो वायरल होने के बाद ड्यूटी पर लापरवाही करने पर तीन पुलिसकर्मियों- ईएसआई संजीव, ईएचसी चंद्रप्रकाश और सिपाही मुकेश को निलंबित किया गया है. ये शायद इन तीनों के जीवन का जीवन का सबसे बुरा हैंगओवर होगा. इसलिए जब भी बियर पीने बैठें तो बाकी सबसे भी बियर पूछना न भूलें. इतने कैन लाएं कि कम न पड़ें. वरना अगला होस्टाइल होकर आपका वीडियो वायरल कर सकता है.

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