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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 'आयुष्मान भारत' का लाभ तो जब मिलेगा तब मिलेगा, सैलरी कब मिलेगी?

2024 के अंतरिम बजट में वित्त मंत्री Nirmala Sitaraman ने आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए वादे तो किए, लेकिन अभी तो हजारों आंगनबाड़ी कर्मियों के घर का बजट ही बिगड़ा हुआ है. वजह है...

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madhya pradesh anganwadi protest
देश भर में आंगनवाड़ी कर्मियों के प्रोटेस्ट होते रहते हैं. (सांकेतिक तस्वीर - सोशल मीडिया)
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सोम शेखर
2 फ़रवरी 2024 (Published: 10:06 AM IST)
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बीते रोज़, 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने 2024 का अंतरिम बजट (Budget 2024) पेश किया. उनका कहना था कि ग़रीब, महिलाएं, युवा और किसान सरकार की प्राथमिकता हैं. एलान भी किया कि 'आयुष्मान भारत' योजना (Ayushman Bharat) के तहत स्वास्थ्य सेवा कवर सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए बढ़ाया जाएगा. लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की असल स्थिति इन वादों से अलग है. ख़बर है कि मध्य प्रदेश में पिछले 3 महीने से उन्हें तनख़्वाह तक नहीं मिली है.

NDTV के इज़हार हसन ख़ान की रिपोर्ट के मुताबिक़, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लगातार सरकार से अपना वेतन मांग रही हैं. लेकिन कई बार ज्ञापन देने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही. कर्मी सड़कों पर हैं, विरोध प्रदर्शन कर रही हैं.

प्रदर्शन कर रही एक महिला ने बताया,

"तीन महीने से हम लोगों को सैलरी नहीं मिली है. घर में बहुत दिक़्क़त आ रही है. हमारे पति की तबीयत ख़राब है. हमारी भी तबीयत ख़राब है. बच्चों की स्कूल की फीस भरनी है. बिजली का बिल जमा करना है. इससे अच्छा तो मज़दूरी है. सुबह जाकर शाम को काम कर लाते और बच्चों को खाना खिला देते."

राज्य में क़रीब 97,000 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. इसमें कुल 1.35 लाख कार्यकर्ता और सहायिकाएं काम करती हैं. कार्यकर्ता को महीने के 13,000 और सहायिका को 6,500 रुपये मिलते हैं.

ये भी पढ़ें - कोरोना मरीज़ों को घर-घर जाकर खोजने वाली आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स की ऐसी हालत हो गई

गुरूवार, 1 फरवरी आंगनबाड़ी कर्मियों ने राजधानी भोपाल में ज़िलाधिकारी के दफ़्तर के सामने नारेबाज़ी की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के पास 'लाडली बहना' को देने के लिए बजट है, मगर आंगनबाड़ी को देने के लिए बजट नहीं.

केवल कर्मियों नहीं, अधिकारियों का भी यही हाल

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत परियोजना अधिकारी और सुपरवाइजरों ने भी शिकायत की है कि उन्हें तनख़्वाह वक़्त पर नहीं मिल रही है. प्रदेश अध्यक्ष परियोजना अधिकारी संघ एवं संयोजक संयुक्त मोर्चा संघ इंद्रभूषण तिवारी ने बताया कि कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की तरह ही 300 परियोजना अधिकारी और लगभग 3000 सुपरवाइज़रों को भी 2 महीने से वेतन नहीं मिला है.

उधर सरकार का कहना है कि उन्हें समस्या का पता है. देरी हो रही है, लेकिन दावा किया कि जल्द समाधान होगा. महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री निर्मला भूरिया ने आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द वेतन दिया जाएगा.

वीडियो: ओडिशा की इस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के जज्बे को पूरा देश सलाम कर रहा है

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