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अमित शाह ने ममता बनर्जी को घेरने की कोशिश में केजरीवाल की तारीफ कर दी

शाह ने वर्चुअल रैली के जरिए बंगाल सरकार को निशाने पर लिया.

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गृहमंत्री अमित शाह वर्चुअल रैली में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर काफी हमलावर रहे.
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9 जून 2020 (Updated: 9 जून 2020, 07:37 AM IST) कॉमेंट्स
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गृहमंत्री अमित शाह. 9 जून को उन्होंने बंगाल के लिए वर्चुअल रैली की. यानी यूट्यूब, फेसबुक, टि्वटर के जरिए बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस रैली का प्रसारण करीब 65 हजार बूथों पर किया गया. यह तीन दिन में उनकी तीसरी वर्चुअल रैली थी. इससे पहले अमित शाह ने 7 जून को बिहार और 8 जून को ओडिशा के लिए वर्चुअल रैली की थी. बंगाल के लिए रैली में अमित शाह ने सीधा बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले चुनावों में बंगाल की जनता तृणमूल कांग्रेस को बाहर कर देगी. साथ ही आयुष्मान भारत योजना, सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर भी शाह आक्रामक नजर आए. योजनाओं को लागू करने को लेकर अनजाने में ही अमित शाह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ भी कर दी. क्या कहा अमित शाह ने # साल 2014 से अब तक बंगाल में 100 से ज्यादा बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जान गंवाई है. # भले ही भाजपा को 303 सीटें देशभर से मिली है, लेकिन उनके लिए बंगाल की 18 सीटें सबसे अहम है. # बंगाल में राजनीतिक हिंसा का कारोबार चल रहा है. राजनीति में हिंसा नहीं होनी चाहिए. # बीजेपी सिर्फ आंदोलन और राजनीतिक विस्तार के लिए बंगाल नहीं आई है. बीजेपी फिर से सोनार बांग्ला बनाना चाहती है. # भारत में जनसंपर्क और जनसंवाद का इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें वर्चुअल रैली के लिए एक अलग से चैप्टर होगा. # मोदी सरकार के 6 साल भारत की समस्याओं के समाधान करने के 6 साल रहे हैं. भारत को दुनिया में सम्मान दिलाने के 6 साल रहे हैं. 6 साल में स्केल और स्किल दोनों बदले हैं. # आयुष्मान भारत योजना से अब तक एक करोड़ भारतीयों के ऑपरेशन हुए हैं. लेकिन बंगाल को इसका फायदा नहीं मिलता. क्योंकि मोदी सरकार लोकप्रिय न हो जाए इसलिए बंगाल सरकार ने इसे लागू नहीं किया. क्या बंगाल के गरीब का अधिकार नहीं है. बंगाल इस योजना से क्यों विमुख है. अरविंद केजरीवाल ने भी यह योजना स्वीकार कर ली लेकिन ममता बनर्जी इसे मंजूर नहीं कर रही हैं. क्यों? इस पर ममता सरकार को जवाब देना चाहिए. # ममता बनर्जी से कहना चाहता हूं कि राजनीति करने के लिए बहुत सारे मैदान हैं, मैदान आप तय कर लीजिए. वहां दो-दो हाथ कर लेंगे. लेकिन गरीबों का अधिकार आप क्यों रोक रही हैं. # मोदी सरकार किसानों को पैसा देना चाहती है. लेकिन बंगाल सरकार के पास उनकी लिस्ट नहीं है. किसान सम्मान निधि के लिए शनिवार को सूची भेज दीजिए. हम सोमवार को पैसा भेज देंगे. # आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं है. यह कैसी व्यवस्था है. राजनीति की भी एक हद होती है. चुनाव समाप्त होने दीजिए. बीजेपी के सीएम की शपथ के एक मिनट बाद ही आयुष्मान भारत योजना बंगाल में लागू हो जाएगी. # ममता दीदी आप हमारा हिसाब मांगती हो, मैं तो हिसाब लेकर आया हूं. लेकिन आप भी कल प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी सरकार का हिसाब दीजिए. लेकिन ध्यान रखिएगा कहीं बम धमाकों या बंद हुई फैक्टरियों का नंबर मत बता दीजिएगा. # पहले सीमा पर कोई भी घुस आता था. सैनिकों के सिर काटकर ले जाता था. लेकिन दिल्ली दरबार में कुछ नहीं होता था. हमारी सरकार में भी उरी और पुलवामा हुआ. लेकिन हमने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की. दुनिया में संदेश भेजा कि भारत के जवानों का खून सस्ता नहीं है. # जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है, यह केवल नारा नहीं था. इसे मोदीजी ने सच करके दिखाया. # राम मंदिर का मसला लटका हुआ था. कांग्रेस सरकार तुष्टीकरण की नीति अपना रही थी. लेकिन मोदी सरकार ने कोर्ट में सही तर्क रखे. इससे फैसला आया. कुछ ही महीनों में आसमान को छूता हुआ राम मंदिर बनेगा. करोड़ों लोगों की श्रद्धा को मोदी सरकार ने परवान चढ़ाया. # जब सीएए आया तो ममता दीदी का चेहरा गुस्से से लाल हो गया था. मैंने इतना गुस्सा कभी किसी पर नहीं देखा. ममता दीदी आप सीएए का विरोध क्यों कर रही हैं. नामशूद्र और मतुआ समाज से आपको क्या दिक्कत है. सीएए का विरोध आपको बहुत महंगा पड़ेगा, जब मतपेटी खुलेंगी तो जनता आपको राजनीतिक शरणार्थी बनाने वाली है. # बंगाल की तृणमूल कांग्रेस को राजनीतिक शरणार्थी बनाने वाली है. सीएए का विरोध ममता सरकार को महंगा पड़ेगा. # पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू का आह्वान किया. दुनिया को इस पर अचंभा हुआ. लेकिन 130 करोड़ लोगों ने बात मानी. लाल बहादुर शास्त्री के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ही एक मात्र ऐसे नेता हैं, जिनकी एक आवाज़ पर लोगों ने घर के अंदर रहकर थाली बजाई, दिया जलाया. इनके जरिए एक राष्ट्र, एक जन, एक मन की भावना बनाई. # ममता बनर्जी आप बंगाल की जनता से संवाद करने से रोक नहीं सकती हैं. आप रोड और रैली रोक सकती हैं, लेकिन परिवर्तन को नहीं रोक सकतीं. # जिस बंगाल में रविन्द्र संगीत की धुन सुनाई देती थी, वो बंगाल आज बम धमाकों से दहल रहा है. गोलियों की आवाज, हत्याओं और लोगों की चीखों से सुन्न रह गया है कौमी दंगों से इसकी आत्मा को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है. # हमने प्रवासी मजदूरों के लिये जो ट्रेन चलाई उन्हें श्रमिक ट्रेन नाम दिया. लेकिन ममता बनर्जी ने इन ट्रेन को कोरोना एक्सप्रेस बोलकर मजदूरों का अपमान किया. यह मजदूर आपको बंगाल से बाहर कर देंगे.
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