सिडनी गोलीकांड के 'हीरो' अहमद अल अहमद की पहचान गलत, असली बात अब पता चली!
Sydney Bondi Beach Shooting: जिस वक्त मासूम लोगों पर तड़ातड़ गोलियां बरस रही थीं. उस वक्त Ahmed Al Ahmed ने अपनी जान की परवाह किए बिना एक हमलवार से बंदूक छीन ली. लेकिन उनके बारे में जो जानकारी तेजी से फैली, वो गलत थी.
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ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के बोंडी बीच पर हुई गोलीबारी में (Sydney Bondi Beach Shooting), जिस शख्स ने अपनी जान की परवाह किए बिना एक हमलावर की बंदूक छीन ली. उस शख्स की बहादुरी की चर्चा पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. इस जांबाज का नाम अहमद अल अहमद है. लेकिन उनके बारे में जो जानकारी तेजी से फैली, वो गलत थी.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, बोंडी बीच पर हुई गोलीबारी में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हैं. जिस वक्त मासूम लोगों पर तड़ातड़ गोलियां बरस रही थीं और दो शूटर अलग-अलग मोर्चे से गोलीबारी कर रहे थे. उस वक्त अहमद अल अहमद ने अपनी जान की परवाह किए बिना एक हमलावर से बंदूक छीन ली और हमलावर पर ही बंदूक तान दी.
सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ. लोगों ने अहमद को ‘सच्चा हीरो’ बताया. कुछ लोगों ने गलती से साउथ सिडनी में एक कंपनी ‘सदरलैंड बेस्ट फ्रेश’ को मैसेज कर धन्यवाद देना शुरू कर दिया, जो फलों का बिजनेस करती है. यह मानते हुए कि यह अल अहमद की कंपनी है. इसके बाद कंपनी ने गलती को सुधारने के लिए तुरंत कदम उठाया.
सोमवार, 15 दिसंबर की सुबह दुकान मालिकों ने फेसबुक पर लिखा,
बॉन्डी में हुई इस त्रासदी को देखकर बहुत दुख हुआ. इस महान ऑस्ट्रेलियाई हीरो की फलों की दुकान के पते को लेकर गलतफहमी हो गई है. हम नहीं जानते कि अहमद कौन हैं और न ही यह जानते हैं कि उनकी दुकान कहां है. हम इस हीरो को बधाई देते हैं और उनके जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं.
शुरुआती रिपोर्ट्स में जो जानकारी उनके बारे में शेयर की गई, वह गलत थी. दरअसल, अहमद अल अहमद एक फल विक्रेता नहीं हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, वे एक तंबाकू और ‘विशेष सुविधा स्टोर’ के मालिक हैं, जिसे वे 2021 से चला रहे हैं.
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बोंडी बीच पर कॉफी पीने गए थे अहमद
रिपोर्ट के मुताबिक, 14 दिसंबर को अल अहमद अपने एक दोस्त के साथ कॉफी पीने बोंडी गए हुए थे. अचानक दो बंदूकधारियों ने निहत्थी भीड़ पर गोलियां चलानी शुरू कर दी. तभी अहमद का हमलावरों में से एक से आमना-सामना हुआ.
ऑस्ट्रेलिया के ABC से बात करते हुए, उनके पिता मोहम्मद फतेह अल अहमद ने कहा कि जब उनका बेटा और उसका दोस्त मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि हथियारबंद लोग भीड़ पर गोलियां चला रहे थे. उन्होंने कहा,
उनकी जान खतरे में थी. उन्होंने कुछ दूरी पर एक हथियारबंद व्यक्ति को देखा.
उनके पिता ने बताया कि जब उसने लोगों को जमीन पर पड़ा देखा और हर जगह खून देखा, तो तुरंत उसकी अंतरात्मा ने उसे मजबूर किया कि वह आतंकवादियों में से एक पर झपट पड़े और उससे उसका हथियार छीन ले. अहमद को दो गोली लगने का दावा किया जा रहा है. अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.
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