भाईसाहब आप 'दिलवाले' देख रहे हो, उधर मोदी के मित्र बराक के देश में इनटॉलरेंस बढ़ गई है. ये असर है पेरिस के आतंकी हमले का.
पेरिस और कैलिफोर्निया हमले के बाद से अमेरिका में मुसलमानों और मस्जिदों पर हमले की घटनाएं तीन गुना बढ़ गई हैं. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से कई दर्जन घटनाएं तो सिर्फ एक महीने में हुई हैं. एनालिसिस किया है कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च ग्रुप ने, जो हेट क्राइम के मामलों पर रिसर्च करता है.
हमले किस तरह के हैं?
हिजाब पहनने वाली स्टूडेंट्स से मारपीट
मस्जिदों में आगजनी और तोड़फोड़
मुसलमानों को निशाना बनाकर की गई छिटपुट शूटिंग
मुसलमानों व्यापारियों को जान से मारने की धमकियां
प्रेसिडेंट बराक ओबामा और सिविल राइट्स लीडरान ने इन घटनाओं के खिलाफ आगाह किया है, खास तौर से कैलिफोर्निया में. लेकिन ये आंकड़े अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के लिहाज से भी अहम माने जा रहे हैं.
अगले US प्रेसिडेंट की रेस में आगे चल रहे रिपब्लिकन कैंडिडेट डॉनल्ड ट्रंप अपने मुस्लिम विरोधी बयानों से दुनिया में सुर्खियां बटोर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने कह डाला था कि मुसलमानों को अमेरिका में घुसने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए. बयान की सख्त आलोचना हुई थी.
FBI के डेटा के मुताबिक, हाल के सालों में अमेरिका में हर महीने औसतन 12.6 हेट क्राइम होते थे. लेकिन 13 नवंबर को पेरिस हमले के बाद इनकी संख्या तीन गुनी हो गई है. अब हर महीने 38 हमले हो रहे हैं जिनका नेचर इस्लाम विरोधी कहा जा सकता है.
हालांकि अब भी वैसे हालात नहीं हैं, जैसे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 11 सितंबर 2001 को हुए हमले के बाद हो गए थे. तब मुसलमानों पर सैकड़ों हमले हुए थे और कई सिखों को भी मुस्लिम समझ लिया गया था.
पेरिस हमले के एक हफ्ते बाद तीन लड़कों ने क्लास 6 में पढ़ने वाली एक बच्ची का हिजाब उतारने की कोशिश की, उसे मुक्का मारा और कहा, 'ISIS'.
आपको याद होगा इंडिया में ओबामा ने कहा था कि इंडिया में इतनी रिलिजियस इनटॉलरेंस देखकर गांधी भी हैरान रह जाते. मोदी जी फोन कीजिए अपने मित्रवा को. पूछिए कि अब कौन हैरान होगा? मार्टिन लूथर किंग?
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