आप गांधी पर गुस्सा हो, चप्पल पर शिव जी भी बिक रहे हैं
ऐमज़ॉन पर पायदान पर तिरंगे के बाद चप्पल पर गांधी बिक रहे थे, थोड़ा और तलाश की तो ये निकला
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फोटो - thelallantop
ऐमज़ॉन (आगे इसे मैं अपनी सुविधा के लिए अमेजन लिखूंगा) कैनेडा के पेज पर ऐसी डोरमैट्स मिल रही थीं, जिन पर भारत का झंडा बना हुआ है. एक ट्विटर यूजर ने सुषमा स्वराज से इसके खिलाफ एक्शन लेने को कहा था. सुषमा ने हड़का दिया अमेजन को, अमेजन की सुट्ट हो गई. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर अमेजन से साफ कह दिया था कि आदतें सुधार लो या फिर भारतीय वीज़ा भूल जाओ. हिंदुस्तान में पैर नहीं रख पाओगे, ऊपर से जितने लोग यहां पहले से हैं, उन्हें भी उनके झोले समेत वापस जाना पड़ेगा.
लेकिन कुछ वैसा ही फिर से हुआ है. अनिरुद्ध सेठी नाम के एक ट्विटर यूजर ने एक फोटो डाली है, जो अमेजन की ही है, वहां गांधी जी के चेहरे वाली चप्पलें बिक रही हैं. अनिरुद्ध ने प्रधानमंत्री और सुषमा स्वराज इस पर एक्शन लेने को कहा है. अमेजन ये चप्पलें बेच रही है और बिलकुल बेच रही है.
ये तस्वीरें फोटोशॉप से बनाई हुई नहीं हैं. लेकिन इस पर भड़कने से पहले थोड़ा रुकिए. सारे कुएं में ही भांग घुली है, अमेजन का दोष इतना बड़ा भी नहीं हैं. गुस्सा होना है तो इन पर होइए.
ये चप्पलें कैफ़े प्रेस की हैं, ये एक ऑनलाइन गिफ्ट शॉप है. केंटुकी में इसका हेडक्वार्टर है. ये लोग तो भगवान शंकर वाली चप्पलें भी बेचते हैं.
यहां तक कि ये तिरंगे वाली चप्पलें भी बेच रहे हैं.
अगर आप चप्पलों पर ऑफेंड हो रहे हैं, कि तिरंगा और मैप क्यों छपा है तो एक और ओफेंसिव बात है. जो झंडा और मैप छपा है उसमें से कश्मीर ही गायब है.
तो बात सीधी सी कि अमेजन बस को दोष देने से कुछ होना जाना नहीं है. या तो इन लोगों पर ध्यान ही न दीजिए. या पीछा पकड़िए तो सबका पकड़िए और हर जगह से चीजें हटवाने के मिशन में लग जाइए. क्योंकि ये कंपनियां विदेशी हैं तो इसमें मेहनत भी बहुत बढ़ जानी तय मानिए.
पायदान पर झंडे से हमें दिक्कत है, तो कच्छे पर दूसरों के झंडे से क्यों नहीं?

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