नसीरुद्दीन शाह ने योगी आदित्यनाथ के 'अब्बा जान' वाले बयान पर बड़ी बात कह दी है!
नसीर ने ये भी कहा कि कई मुस्लिम अपने पिता को बाबा भी कहते हैं.
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"आप लोगों को राशन मिल रहा है ना. क्या ये 2017 से पहले मिलता था? तब तो अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे."
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीती 12 सितंबर को कुशीनगर के एक कार्यक्रम में ये बात कही थी. कहा गया कि ये बयान उन्होंने यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए दिया था. लेकिन बात अब बहुत दूर तलक जाती दिख रही है. मीडिया-सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस बयान के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की कड़ी आलोचना की है. इनमें अब जाने-माने अभिनेता नसीरुद्दीन शाह भी शामिल हो गए हैं. इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का 'अब्बा जान' (Abba Jaan) वाला बयान नफरत से भरा है और इस लायक भी नहीं है कि इस पर कुछ कहा जाए क्या बोले नसीर? नसीरुद्दीन शाह ने इंडिया टुडे टीवी के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बातचीत में कहा,"यूपी सीएम का अब्बा जान वाला बयान अपमानजनक से भी गिरा हुआ है और ये प्रतिक्रिया देने के लायक भी नहीं है. सब मुस्लिम अपने पिता को अब्बा जान कहते भी नहीं. मैं अपने पिता को बाबा कहता हूं. मेरी पत्नी हिंदू है. वो भी अपने पिता को बाबा कहती है."नसीर ने आगे कहा,
"वो (योगी आदित्यनाथ) ऐसे ही हैं. उन पर प्रतिक्रिया देने का कोई मतलब नहीं है. लेकिन सच्चाई ये है कि अब्बा जान का ये बयान उन नफरत भरे बयानों का सिलसिला है जो वो हमेशा से देते रहे हैं."मुस्लिमों पर निशाना साधने का आरोप रविवार 12 सितंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ कुशीनगर पहुंचे थे. वहां एक जनसभा को संबोधित करते वक्त उन्होंने सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधा था. भाषण में योगी अपनी उपलब्धियां गिना रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल में मिलने वाली सुविधाओं की तुलना पिछली सरकारों से करना शुरू किया. उन्होंने भीड़ से पूछा कि अब राशन मिलता है कि नहीं? क्या 2017 से पहले भी ऐसे ही मिलता था? योगी ने कहा,
“पीएम मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है. हर गरीब को शौचालय दिया गया है. क्या शौचालय देने के लिए किसी का चेहरा देखा गया? अब राशन मिल रहा है न? क्या 2017 से पहले भी मिलता था? तब तो अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे. तब कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश पहुंच जाता था. आज कोई गरीबों का राशन निगलेगा तो जेल जाएगा.”
आम तौर पर मुस्लिम समाज में पिता को संबोधित करने के लिए ‘अब्बा जान’ बोला जाता है. इसीलिए योगी के बयान को सीधे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ माना जा रहा है. वैसे वे पहले भी ऐसे कई बयान दे चुके हैं. पिछले महीने, सीएम योगी ने यूपी विधानसभा में कहा था कि कुछ लोगों ने तब टीका लगवाया है, जब उनके ‘अब्बा जान’ ने टीका लगवा लिया. उनकी ये टिप्पणी सपा नेता मुलायम सिंह यादव के टीका लगवाने के कुछ दिनों बाद अखिलेश के टीका लगवाने पर आई थी. वहीं, कुछ दिन पहले आजतक के विशेष कार्यक्रम 'पंचायत आजतक' में शिरकत करने के दौरान भी योगी ने अयोध्या के मुद्दे पर अखिलेश पर तंज कसा था. तब भी उन्होंने इसके लिए 'अब्बा जान' शब्द का इस्तेमाल किया था. जेडीयू नेता ने दे डाली योगी को सलाह योगी आदित्यनाथ के बयान पर विपक्षी दलों के नेता उन्हें घेरने में लग गए हैं. इनमें उमर अब्दुल्ला, मोहुआ मोइत्रा और कपिल सिब्बल जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं. हालांकि अब एनडीए के सहयोगी दल जदयू ने भी योगी के बयान पर टिप्पणी की है. जदयू के अध्यक्ष लल्लन सिंह ने मंगलवार 14 सितंबर को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को अपनी टिप्पणियों में संयम बनाए रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये देश सभी का है, चाहे वो हिंदू हो, मुस्लिम हो, ईसाई या कोई अन्य समुदाय हो.#WATCH | Under PM Modi leadership, there is no place for appeasement politics....Before 2017 was everyone able to get ration?....Earlier only those who used to say 'Abba Jaan' were digesting the ration: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath in Kushinagar pic.twitter.com/CPr6IMbwry
— ANI UP (@ANINewsUP) September 12, 2021
“Those who used to say 'Abba Jaan' digested the ration for the poor." An elected CM in India guilty of overtly communal incitement, flagrant violation of Section 153 A of IPC Suo Moto Cognizance anyone? Supreme Court? @Uppolice — Mahua Moitra (@MahuaMoitra) September 12, 2021
लल्लन सिंघ ने कहा,Our Government wants :
An inclusive Afghanistan With his “ abba jaan “ remark What does Yogiji want : An inclusive UP Or Divide and rule ? — Kapil Sibal (@KapilSibal) September 13, 2021
"हमारे देश के लिए 'अनेकता में एकता' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है. देश सबका है. ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए, जिससे देश को नुकसान हो."नसीरुद्दीन शाह भी बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं वैसे अभिनेता नसीरुद्दीन शाह भी अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. हाल ही में अफगानिस्तान में तालिबानी शासन क़ाबिज़ होने पर उन्होंने टिप्पणी की थी. इसमें नसीर ने उन कुछ भारतीय मुसलमानों की निंदा की थी जिन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी का जश्न मनाया था.