गली के 50 कुत्तों पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दी
इन कुत्तों को जिंदा जलाने से पहले जहर वाला खाना खिलाया, ताकि वो भाग न सकें.
Advertisement

Source : Reuters
दुनिया में कैसे राक्षस लोग भरे पड़े हैं. एक तरफ तो लप्पो-चप्पो कर कुत्तों को घर लाते हैं. उनको पेट डॉग कहते हैं. अगर कोई सिर्फ कुत्ता कह दे तो उनको इतना बुरा लग जाता है मानो कुत्ते को गाली दे दी हो. जितना प्यार मोहब्बत पेट डॉग पर लुटाते हो उसका थोड़ा सा भी गली के कुत्तों को दे दो तो रात-दिन पूंछ हिलाकर तुम्हें और तुम्हारी बाइक दोनो को प्रोटेक्ट करेगें.
बताओ ऐसा कोई करता है भला. चेन्नई का एक गांव हैं. कीझामुर. शहर से 50 किमी दूर है. वहां के लोगों ने 50 गली के कुत्तों को जिंदा जला कर मार डाला. कहते हैं कि उन कुत्तों ने खेतों में चर रहे उनके भेड़-बकरियों को मारा है. उन कुत्तों को जलाने से पहले लोगों ने उन्हें खाना खिलाया. वो भी जहर वाला. अक्सर देखा गया है कि जब तक गली के कुत्तों को उंगली न करो वो कुछ नहीं करते.
वो तो अच्छा हुआ कि गांव के एक भले आदमी ने एनिमल ऐक्टविस्ट पी अश्वाथ को इसके बारे में बता दिया. अश्वाथ ने फौरन पुलिस में कंप्लेन किया. पहले तो पुलिस ने केस लिखने से मना किया. और गांव वालों के सपोर्ट में बोला. पर बाद में केस दर्ज कर लिया और गांव के मुरली, मुथ्थु, मुरूगाडॉस और जीवा को धर लिया है.
पुलिस कहती है कि गांव वालो का दावा है कि गली के कुछ कुत्तों ने घास चर रही भेड़-बकरियों पर अटैक किया है. कुछ तो उनके काटने से मर भी गए हैं. अश्वाथ का कहना है कि इलाके में कोई घायल भेड़-बकरी नहीं दिखे हैं. साथ ही गांव की पंचायत का भी कहना है कि इलाके में ऐसा कुछ नहीं हुआ है. अश्वाथ का दावा है कि उसके पास गांव के लोगों के खिलाफ प्रूफ है कि उन्होंने 50 से ज्यादा कुत्तों को मारा है. खुद कुत्तों के आधे जले शरीर देखें हैं. और उनको पूरी तरह से जलाया है.
इतनी खुजली मचती है गली के कुत्तों से तो बासी रोटी काहे आतु-आतु कर के देते हो. जलाने से पहले किसी अधिकारी को इसके बारे में बता देते. नसबंदी कराने के लिए सरकारी अस्पताल ले जाते. ये तो हो नहीं पाया. सस्ते में निपटा डाला जला कर.
कोई कुत्ता मार जाता है, कोई जान पर खेल गइया बचाता हैइनकी हरकत को 'कुत्तई' कहना कुत्तों का अपमान है