पाकिस्तान में मौलवियों के उकसावे पर भीड़ ने मंदिर तोड़ा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया दखल
गिरफ्तार 26 लोगों में कट्टरपंथी पार्टी का बड़ा नेता भी है
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पाकिस्तान में मंदिर जलाने और गिराए जाने की घटना के वीडियो वायरल हैं. इसे लेकर कराची में प्रदर्शन भी किए गए. (फोटो- Social Media/AP)
जिस मंदिर को निशाना बनाया गया है, उसके परिसर में संत परमहंस दयाल जी महाराज की समाधि थी. सिंध से हिंदू यहां दर्शन करने आते थे. इस मंदिर के नवीनीकरण और विस्तार का काम हो रहा था. जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम नाम की पार्टी इसका विरोध कर रही थी. पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन के अनुसार, चश्मदीदों ने बताया कि मंदिर पर हमले से पहले मौलवियों की बैठक हुई थी. जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के नेतृत्व में भीड़ मंदिर के सामने जुटी. उग्र भीड़ नारे लगा रही थी कि मंदिर में किसी तरह का निर्माण नहीं होने दिया जाएगा. डॉन ने चश्मदीदों के हवाले से बताया कि स्थानीय मौलवी के उग्र समर्थक मंदिर पर टूट पड़े. देखते ही देखते आग लगा दी गई. कट्टरपंथियों की भीड़ ने मंदिर के नए बन रहे परिसर के साथ-साथ पुराने परिसर को भी गिरा दिया. वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ में शामिल लोग इस्लामी नारे लगा रहे थे.
पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता और अल्पसंख्यक हिंदू कम्युनिटी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है. ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों की हिफाज़त पर जोर देगी. पाकिस्तान सरकार में मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भी इस घटना की निंदा की. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि करक में हिन्दू समाधि में आग लगाने की घटना अल्पसंख्यक विरोधी मानसिकता का सबूत है.Latest visuals from KPK, an extremist mob of Muslims are burning and razing down a #Hindu
— Voice of Pakistan Minority (@voice_minority) December 30, 2020
temple in Karak. The reason is unknown but look at the hatred they have towards the religious minorities. A little argument is all it takes here to destroy the lives of minorities. pic.twitter.com/rtoKFyk7yi
पाकिस्तान में मानवाधिकार मामलों के संसदीय सचिव लालचंद मल्ही ने इस घटना को लेकर कहा–
“पाकिस्तान में कुछ ऐसे समूह सक्रिय हैं, जो इस तरह की असामाजिक घटनाओं को अंजाम देकर देश का नाम ख़राब करना चाह रहे हैं. सरकार ऐसी किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं करेगी.”पेशावर के हिंदू नेता हारुन सरब दयाल ने कहा–
“इस मंदिर परिसर में हिंदू धर्म गुरु की समाधि थी. हर गुरुवार को देशभर से तमाम हिंदू यहां पूजा करने आते थे. लेकिन इस घटना से उन सभी हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं. इमरान खान पाकिस्तान में धार्मिक सद्भाव को प्रचारित करते हैं, जबकि सच ये है कि इस देश में अल्पसंख्यकों के धर्मस्थल ही सुरक्षित नहीं हैं.”

मंदिर पर हमले के विरोध में कराची में गुरुवार को प्रदर्शन किया गया.
पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के चीफ डॉ. रमेश कुमार ने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस से मिलकर घटना का जानकारी दी और चिंता जताई. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए एक सदस्यीय अल्पसंख्यक आयोग गठित किया है. कहा है कि आयोग ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के मुख्य सचिव और IG के साथ घटनास्थल पर जाएं, और 4 जनवरी तक घटना पर रिपोर्ट पेश करें. अगली सुनवाई 5 जनवरी को सुनवाई होगी.
बता दें, पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों में हिंदुओं की संख्या सबसे ज्यादा है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, करीब 75 लाख हिंदू वहां रहते हैं. जबकि पाकिस्तान की हिंदू कम्युनिटी ये आंकड़ा 90 लाख के आस-पास का बताती है.