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लगवाने गए थे नकली बाल, सर्जरी बन गई काल

77 हजार रुपये खर्च कर 1200 बाल सर पर लगवाए थे. सर्जरी के दो दिन बुखार रहा. तीसरे दिन मौत हो गई.

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जागृतिक जग्गू
9 जून 2016 (Updated: 9 जून 2016, 10:28 AM IST) कॉमेंट्स
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मैं नहीं जानती थी कि हेयर ट्रांसप्लांट मतलब क्या. पर अब जान गई हूं. अरे अखबार में ऐड देख-देख कर. और डॉक्टर बत्रा के मेल देखकर. बताओ जमाना कहां पहुंच गया है. लोग बालों की खेती करने और कराने लगे हैं. गंजे लोगों की तो चांदी-चांदी हो गई. पहले गंजा होने को लोग पैसों से जोड़ते थे. आगे टकला बेईमान, बीच में टकला धनवान और पीछे टकला शैतान. ऐसा हमरी दादी कहती थी. चेन्नई में 22 साल का लड़का था. नाम था संतोष. मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था. अपने आखिरी साल में था. सर के बाल उड़ गए थे. बेचारे को बहुते बुरा फील होता था और शर्म भी आती थी. कॉलेज में लोग चिढ़ाते होगें टकला या गंजा कह-कह के. इन सब से मुक्त होने के लिए उसने पिछले महीने हेयर ट्रांसप्लांट कराने का मन बना लिया. एडवांस रोबोटिक हेयर ट्रांसप्लांट सेंटर के डॉक्टर से मिला और दिन फिक्स किया. सर्जरी हुई. डॉक्टर ने 12 सौ बाल उसके सर पर लगाए. और लिए पूरे 73 हजार रुपये. 10 घंटे तक सर्जरी चली. उसके बाद संतोष को बुखार आ गया. दो दिनों तक वैसे ही रहा और तीसरे दिन उसकी मौत हो गई. संतोष की मम्मी पी जोसबीन एक नर्स हैं. बेटे की मौत से बहुत दुखी हैं. उनका दावा है कि एडवांस रोबोटिक हेयर ट्रांसप्लांट सेंटर जहां उनके बेटे की सर्जरी हुई और जिन डॉक्टरों ने सर्जरी की वो असल में डॉक्टर नहीं हैं. जिस डॉक्टर ने संतोष को एनेस्थीसिया दिया वो सर्जरी शुरू होने से पहले ही भाग गया था. अब तो उन डॉक्टरों का भी पता नहीं है. जोसबीन का कहना है कि वहां के डॉक्टर्स को सिर्फ पैसों से मतलब है. लोगों की जिंदगी से नहीं. रोजाना के वो लोग 50 से 60 लाख रुपये कमाते हैं. इन धोखेबाजों की वजह से मैंने अपना बेटा खो दिया. उन्हें अरेस्ट करना चाहिए. पुलिस का कहना है कि हेयर ट्रांसप्लांट सेंटर को बस सैलून चलाने का लाइसेंस मिला हुआ है जो दो महीने पहले ही एक्सपायर हो चुका है. हालांकि उनमें से एक डॉक्टर चाईना से ट्रेनिंग लेकर आया है. सेंटर में मरीज के साथ कुछ अनहोनी होने पर उससे निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं है. वहां कोई ऑपरेशन थिएटर भी नहीं है. संतोष की मौत के बाद पुलिस ने उस सेंटर को सील कर दिया है. ड्रग कंट्रोलर को वहां से बहुत सी दवाइयां मिली हैं जिनका लाइसेंस सेंटर के पास नहीं था. पुलिस ने केस फाइल कर लिया है. और संतोष की बॉडी को कब्र से निकाल कर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है. हालांकि हेयर ट्रांसप्लांट सेंटर से सारे गायब हैं.

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