कांग्रेस के इस नेता ने NSA अजित डोभाल के बेटे से किस बात पर माफी मांगी है?
विवेक डोभाल ने उन्हें माफ भी कर दिया है.
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मानहानि से जुड़े के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने विवेक से माफी मांग ली है.
माफीनामे में क्या कहा?
जयराम रमेश ने अपने माफीनामे में कहा है कि कारवां मैगजीन में विवेक डोभाल और उनके परिवार को लेकर एक आर्टिकल छपा था. इसके आधार पर ही उन्होंने आरोप लगाए थे. लेकिन बाद में उन्हें आभास हुआ कि पत्रिका में जो कुछ भी छपा था, उसे दूसरे सोर्स से भी कंफर्म करना चाहिए था. लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए. बाद में उन्हें इसका एहसास हुआ. इसलिए वह विवेक और उनके परिवार की भावनाओं को आहत करने के लिए माफी मांग रहे हैं. जयराम रमेश की माफी के बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रहे मानहानि के केस को खत्म कर दिया है. हालांकि कारवां मैगजीन के खिलाफ मानहानि का केस चलता रहेगा.Jairam Ramesh has given an apology, and we have accepted it. The criminal defamation case against Caravan magazine will continue: Vivek Doval, son of NSA Ajit Doval, in Delhi pic.twitter.com/4f8UREMloX
— ANI (@ANI) December 19, 2020
क्या है मामला?
17 जनवरी 2019. जयराम रमेश ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. विवेक डोभाल, उनके परिवार और साथ ही उनकी कंपनियों पर आरोप लगाया. कंपनी की तुलना डी कंपनी के साथ की. उन्होंने कारंवा मैगजीन में छपे आर्टिकल के आधार पर हमला बोला.पहली सुनवाई के दौरान विवेक डोभाल ने कोर्ट में कहा था कि पूरे देश को पता है कि D कंपनी का क्या मतलब है. मुझे और मेरे पिता को बदनाम करने के लिए कारवां मैगजीन में मेरी कंपनी की तुलना डी कंपनी के साथ की गई. बाद में कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उनको और उनके परिवार को और साथ ही उनके द्वारा चलाई गई कंपनियों को बदनाम करने की कोशिश की. विवेक डोभाल ने कहा था,Congress leader Jairam Ramesh said, I gave the statement against Vivek Doval and made several allegations in heat of the moment as it was the time of elections. I must verify it.
The case against Caravan magazine to continue https://t.co/XWOTsmq1tX — ANI (@ANI) December 19, 2020
मुझे बदनाम करने के लिए न्यूज आर्टिकल में जो कुछ भी कहा गया, जिस तरीके से सोशल मीडिया पर लोगों ने उस पर रिएक्ट किया, उससे मैं और मेरा परिवार बेहद परेशान रहा है. मैं विदेश में रहकर अपनी कंपनियां चला रहा हूं और इस आर्टिकल से मेरी छवि खराब होने के साथ-साथ मुझ पर लोगों की शक की निगाहें रहीं.विवेक डोभाल ने आगे कहा था,
मैने जो कुछ भी हासिल किया है वो अपने दम पर अपनी मेहनत से हासिल किया है. इसमें मेरे परिवार का कुछ भी सहयोग नहीं है. मैंने कभी भी पारिवारिक संबंधों को अपने काम को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया. मेरे पिता जो देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं, उनको बेवजह इसमें घसीटा जा रहा है, जबकि मेरे पिता मेरी किसी भी कंपनी में किसी भी पद पर नहीं हैं. मेरी कंपनियों की तुलना डी कंपनी से की गई.विवेक डोभाल ने इसी कारण कांग्रेस नेता जयराम रमेश और कारवां मैगजीन पर मानहानि का केस किया था. कारवां ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि पीएम मोदी की ओर से नोटबंदी की घोषणा के 13 दिन बाद NSA अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने केमैन आईलैंड में जीएनवाई एशिया फंड नाम की हेज फंड (निवेश निधि) कंपनी का पंजीकरण कराया. इस लेख के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि अजीत डोभाल के दोनों बेटे जीएनवाई एशिया के जाल में फंसे हैं, जो बिल्कुल डी-कंपनी की तरह है.