गुजरात दंगों के 3 दोषी, जिन्हें लोअर कोर्ट ने छोड़ा, HC ने रगड़ा
7 दोषी हैं केस में. 25 जुलाई को सुनाई जाएगी सजा.
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गुलबर्ग सोसाइटी केस का एक दोषी. 17 जून की तस्वीर. रॉयटर्स
ये केस कौन सा है?
गोधरा ट्रेन कांड के बाद गुजरात में कई जगह मुस्लिम विरोधी दंगे भड़के थे. 28 फरवरी 2002 को करीब दंगाइयों की भीड़ ने वलाना रेलवे क्रॉसिंग के पास रहने वाले मुसलमानों पर हमला बोल दिया था. एक गवाह के मुताबिक, वलाना गांव में उसके खेत में आग लगा दी गई. जब वह और लोगों के साथ आग बुझाने दौड़ा तो देखा कि कुछ लोग दरगाह को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने इसे रोकने की कोशिश की तो भीड़ उन पर टूट पड़ी. दो लोगों को तत्काल मार डाला गया और एक को बुरी तरह जख्मी कर दिया गया, जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई. हाईकोर्ट के जज जस्टिस हर्षा देवानी और बीरेन वैष्णव ने इस केस में सुनवाई करते हुए कहा,''छोटे अपराधों (मर्डर की कोशिश, अवैध एकत्रीकरण, जानबूझकर धारदार हथियारों से चोट पहुंचाना) में दोषी पाए गए चार लोगों को IPC की धारा 302 (मर्डर) के तहत भी सजा मिलनी चाहिए. ट्रायल कोर्ट ने जिन तीन लोगों को क्लीन चिट दे दी थी, वे भी मर्डर और बाकी आरोपों में दोषी पाए गए हैं.''