The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • 2000 Year Old Street Food Stal...

इस दो हज़ार साल पुराने ढाबे में ऐसे धाकड़-धाकड़ आइटम मिले कि पूछो मत

इटली के पॉम्पेई शहर में खुदाई में मिला ढाबा.

Advertisement
Img The Lallantop
टर्मोपोलियम, यानी ऐसी जगह, जहां गरम और लिक्विड चीजों को स्टोर किया जा सके. (फोटो- AP)
pic
अभिषेक त्रिपाठी
27 दिसंबर 2020 (Updated: 27 दिसंबर 2020, 08:42 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
इटली देश का एक प्राचीन शहर है- पॉम्पेई (Pompei). ये शहर आज से हजारों साल पहले 79AD में ख़त्म हो गया था. एक ज्वालामुखी विस्फोट के बाद शहर लावा और राख में दब गया था. अब बस शहर की निशानियां बची हैं. इन्हीं निशानियों में पुरातत्वविदों को दो हजार साल पुराने फूड स्टॉल्स मिले हैं. कुछ ऐसी आकृतियां, मानो एक बड़ी-सी फूड टेबल है और उसमें अलग-अलग भोजन रखने के लिए खांचे बने हैं. एक खांचे में सब्जी रख दी, एक में रायता, एक में पेय पदार्थ और बाकी में भी ऐसे ही कुछ-कुछ.
टर्मोपोलियम का चलन
उस ज़माने में इस तरह की दुकानों को टर्मोपोलियम (Termopolium) कहा जाता था. ये लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है- ऐसी जगह, जहां गरम और लिक्विड चीजों को स्टोर किया जा सके. यह दुकान पॉम्पेई शहर के एक पुरातात्विक पार्क ‘रेगियो वी’ में पाई गई हैं. जहां ये दुकानें मिली हैं, उस जगह को फिलहाल संरक्षित कर दिया गया है. माने जनता के लिए नहीं खोला गया है. कुछ दिन पहले ही पुरातत्वविदों ने इसे खोज लिया था. लेकिन अब पहली बार तस्वीरें सामने आई हैं. बताया जा रहा है कि इन टर्मोपोलियम के अंदर टेराकोटा के कुछ जार भी मिले हैं, जिनमें प्राचीन काल के भोजन के भी कुछ अवशेष हैं.
चूंकि लोग इन जार में, इन टर्मोपोलियम्स में अपने खाने का सामान इकट्ठा रखते थे. इसलिए इसे बहुत संभालकर प्यार से रखा जाता था. इनके ऊपर अलग-अलग आकृतियां बनी हैं. CNN की ख़बर के मुताबिक पहली बार इस तरह के प्राचीन फूड स्टॉल्स खोजे गए हैं.
Termo एक और टर्मोपोलियम. (फोटो- AP)

पॉम्पेई की तबाही
ख़ैर, पॉम्पेई शहर की बात करें तो जब यहां ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था तो करीब 13 हजार की आबादी शहर में रहती थी. पूरा का पूरा शहर ख़त्म हो गया था. कहा जाता है कि ये ज्वालामुखी विस्फोट और इससे हूई तबाही कई परमाणु बम से होने वाली तबाही के बराबर थी. हजारों लोग लावा की चपेट में आकर मर गए थे. बाकी लावा की वजह से जो गर्मी पैदा हुई, उसका असर कई सौ किलोमीटर दूर तक रहा. लंबे समय तक लोग इस गर्मी की चपेट में आकर मरते रहे. इतनी गर्मी पैदा हुई थी कि लोगों के सिर की नसें फट गई थीं. पॉम्पेई की तबाही में मरे लोगों के शव 19वीं सदी तक बरामद होते रहे.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement