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सड़क हादसों में हर घंटे 18 लोगों की मौत, थोड़ी सावधानी बचा सकती थी जान

साल 2021 में देश में हर रोज औसतन 1130 हादसे हुए. डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.

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18 deaths every hour in India in 2021 due to road accidents Rishabh Pant
सांकेतिक फोटो.
30 दिसंबर 2022 (Updated: 30 दिसंबर 2022, 17:44 IST)
Updated: 30 दिसंबर 2022 17:44 IST
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साल 2022 में नामी कारोबारी और टाटा संस के पूर्व चैयरमेन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की मौत ने सबको चौंका दिया था. यह हादसा तब हुआ, जब वो अपनी मर्सिडीज़ बेंज गाड़ी में अहमदाबाद से मुंबई लौट रहे थे. हादसे की वजह सूर्या नदी के पुल पर तेज़ रफ़्तार से गाड़ी का डिवाइडर से टकराना था. और अंदर पीछे की सीट पर बैठे साइरस मिस्त्री का सीट बेल्ट न पहनना उनके लिए जानलेवा साबित हुआ. वहीं 30 दिसंबर को क्रिकेट ऋषभ पंत (Rishabh Pant) के सड़क हादसे की खबर आई. उनकी हालत स्थिर है.

साइरस मिस्त्री के निधन की खबर जैसे ही फैली, उसी के साथ भारत में सड़क परिवहन सुरक्षा यानी की रोड ट्रासंपोर्ट सेफ्टी पर चर्चा फिर से शुरू हो गई. इधर, हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं 2021’ के नाम से एक रिपोर्ट जारी की गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019 के मुकाबले हालात में सुधार हुआ है.

हर घंटे 18 लोगों की मौत!

हालांकि, इसी रिपोर्ट में सड़क हादसों से जुड़े बेहद चौंकाने वाले आंकड़े भी सामने आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में हर घंटे भारत में 18 लोगों ने सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई.   आंकड़ों के अनुसार, हर रोज़ औसतन 1130 हादसों में 422 लोगों की मौत हुई. 2021 में 4 लाख 12 हज़ार 432 रोड एक्सीडेंट हुए, जिनमें 1 लाख 53 हज़ार 972 लोगों की जान चली गई और 3 लाख 84 हज़ार 448 लोगों को चोटें आईं.

2021 के दौरान सीट बेल्ट न लगाने पर सड़क हादसे में 16 हज़ार 397 लोग मारे गए. इनमें ड्राइवर की संख्या 8,438 रही. वहीं 7,959 अन्य यात्रियों की मौत हुई. हेलमेट न पहनने पर हादसे में घायल होने वाले लोगों की गिनती 93,763 बताई गई है. और इसके अलावा सीट बेल्ट न लगाने पर हादसे में घायल लोगों की कुल संख्या 39,231 बताई गई.

रिपोर्ट बताती है कि 2019 की तुलना में 2021 में सड़क हादसों की संख्या में 8 फीसदी कम हुई है. वहीं घायलों की संख्या में भी 14 फीदसी की कमी आई है. हालांकि, रिपोर्ट यह भी बताती है की 2019 की तुलना में 2021 में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में 1.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण साल 2020 में  भारत में सड़क हादसों और उससे होने वाली मौतों और घायलों की संख्या में ज़बरदस्त कमी देखी गई.

ये तो हुई पूरे देश की बात. हम जब राज्यों के डेटा पर नजर डालते हैं तो पता चलता है कि साल 2021 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए. उत्तर प्रदेश के बाद तमिलनाडु, महाराष्ट्र और राजस्थान का नंबर आता है.

नियमों की अनदेखी से हादसे

मंत्रालय की रिपोर्ट में साफ़ कहा गया है की इन सड़क हादसों के पीछे शराब पीकर गाड़ी चलाना, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, लाल बत्ती पार करना और गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन के इस्तेमाल से कुल हादसों  में से 8.2% मौतें हुई हैं.

रिपोर्ट से पता चलता है कि 67.5% हादसे सीधी सड़कों पर हुए, जबकि घुमावदार और खराब सड़कों पर 13.9 फीसदी हादसे हुए. सरकार की तरफ से ये रिपोर्ट हर साल तैयार की जाती है. इसमें सभी राज्यों के परिवहन विभाग और पुलिस से मिलने वाले आंकड़े शामिल हैं. जिससे देश में सड़क परिवहन में सुरक्षा को लेकर जमीनी हकीकत का अंदाजा लगता हैं. 

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