CBI की कस्टडी से गायब हो गया 43 करोड़ का 103 किलो सोना, स्थानीय पुलिस करेगी जांच
CBI ने कोर्ट में कहा-पुलिस जांच करेगी तो हमारी प्रतिष्ठा नीचे आ जाएगी.
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चेन्नई में CBI की कस्टडी से गायब हुआ 100 किलो सोना. (प्रतीकात्मक फोटो (बाएं) हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश (फ़ोटो- IANS)
"CBI की प्रतिष्ठा नीचे आ जायेगी अगर स्थानीय पुलिस मामले की जांच करेगी."कोर्ट ने इस पर CB-CID को FIR दर्ज़ करने का आदेश देते हुए कहा कि ये CBI के लिए अग्नि परीक्षा होगी. कोर्ट ने कहा कि अगर CBI के हाथ सीता की तरह साफ़ होंगे तो और चमक कर बाहर आएंगे, अगर नहीं तो उन्हें सजा भुगतनी पड़ेगी. हाईकोर्ट के जज ने क्या कहा? CBI की तरफ से मद्रास हाईकोर्ट में पेश हुए वकील ने गुजारिश की कि मामले की जांच CBI या किसी और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी से कराई जाए. इस पर जज पी एन प्रकाश ने सख़्त लहजे में कहा-
"कोर्ट ये तर्क स्वीकार नहीं कर सकती, क्योंकि कानून इस तरह के दखलंदाजी की इजाज़त नहीं देता है. सभी पुलिसकर्मियों पर बराबर भरोसा किया जाना चाहिए. ये कहना उचित नहीं है कि CBI के पास विशेष सिंगे हैं और स्थानीय पुलिस के पास सिर्फ़ पूंछ है."किस मामले में ज़ब्त किया गया था सोना दरअसल CBI ने 2012 में चेन्नई में सुराना कॉर्पोरेशन के कार्यालय में छापा मारा था. इस छापे में 400.5 किलो सोना ज़ब्त किया गया था. गायब हुआ सोना इसी का हिस्सा था. मेटल्स एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया पर सुराना कॉर्पोरेशन सोना और चांदी के आयात में ग़लत तरीके से लाभ पहुंचाने का आरोप लगा था. CBI ने ज़ब्त किए गए सोने को सुराना की तिजोरियों और वॉल्ट्स में लॉक कर दिए थे. CBI का कहना है कि इन वॉल्ट्स की चाभियां उसने चेन्नई की स्पेशल CBI कोर्ट को सौंप दी थी. 2012 से 2019 के बीच सुराना पर कई मामलों में सुनवाई के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने आदेश दिया कि ज़ब्त किये गए सोने को 6 बैंकों में बांट दिया जाए. इन 6 बैंकों का पैसा सुराना कॉर्पोरेशन पर बकाया था. इसी साल फरवरी में जब CBI ने वॉल्ट्स खोले तो उसमें 103.864 किलो सोना कम था. इसी मामले की जांच के आदेश मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को दिया है.