साल 1798 की बात है. नेपोलियन बोनापार्ट ने मिश्र पर आक्रमण किया ताकि मेडिटरेनियनट्रेड रुट पर कब्जा कर ब्रिटिश साम्राज्य की कमर तोड़ सके. मिश्र पर कब्जे के दौरानसाल 1799 में एक घटना हुई. फ्रेंच सिपाही रोसेटा नाम के एक शहर में एक किले कीखुदाई कर रहे थे. रोसेटा नाम का ये शहर नील नदी के डेल्टा में पड़ता था. रोसेटा मेंखुदाई के दौरान फ्रेंच सैनिकों को एक पत्थर मिला. ये एक शिलालेख था जिस पर कुछनिशान बने हुए थे. पियर फ्रांसवा बुचार्ड नाम के एक फ्रेंच अफसर ने इसे देखा औरदेखते ही समझ गया कि उनके हाथ एक कुंजी लग गयी है.ये कुंजी थी एक भाषाई ताले की. इस शिलालेख की मदद से एक ऐसी भाषा को डीकोड कियागया, जिसके निशान 1400 साल पहले ग़ायब हो चुके थे. फ्रेंच सैनिकों को मिले पत्थर कानाम पड़ा रोसेटा स्टोन. भाषाविदो ने दशकों तक कोशिश की और रोसेटा स्टोन की मदद सेप्राचीन मिश्र की चित्रलिपि को डीकोड करने में सफलता हासिल की. मिश्र की चित्रलिपिको डीकोड कैसे किया गया? इस सवाल के उत्तर में एक और सवाल का जवाब छिपा है. सवाल येकि सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि (Indus Valley Script)को कैसे डीकोड किया जाए. देखिएवीडियो.