31 अगस्त, 1939 की बात है. जर्मनी और पोलैंड की सीमा पर बसे एक शहर ग्लीविट्ज़ में एक रेडियो स्टेशन पर हमला हुआ. रेडियो के कुछ एंटी जर्मन सन्देश प्रसारित किए गए. अगले दिन गेस्टापो यानी जर्मन पुलिस को स्टेशन में एक पोलिश व्यक्ति का शव मिला. इस घटना से गुस्साए हिटलर ने पोलेंड पर आक्रमण का आदेश दे दिया, और ये घटना भूमिका बनी दूसरे विश्व युद्ध की. विश्व युद्ध ख़त्म हो जाने के बाद पता चला कि ग्लीविट्ज़ में हुआ हमला फ़र्ज़ी था. खुद जर्मन सिपाहियों ने पोलिश लोगों का भेष धरकर स्टेशन पर हमला किया था. इसके अलावा उन्होंने कंसन्ट्रेशन कैम्प्स से लाकर एक आदमी के शव को मौका-ए-वारदात पर रख दिया. यही शव दिखाकर हिटलर ने जर्मन लोगों को भड़काया, और युद्ध को जायज ठहराया. लेटिन भाषा में ऐसी घटनाओं के लिए एक शब्द है- ‘कैसस बेली’. यानी ऐसी घटना जो युद्ध का कारण बने, या जैसा कि इस केस में था, जिसका इस्तेमाल युद्ध को जायज ठहराने के लिए किया जाए.