बात शुरू होती है 1296 से. मार्को पोलो ने अपने संस्मरण में लिखा कि अंडमान के येलोग आदमखोर होते हैं. इनके तेज़ दांत, लाल आंखें होती हैं. और ये जिसे देखते हैं,मार डालते हैं. मार्को पोलो ने ये लिख तो दिया लेकिन इतिहासकार नहीं मानते कि उसनेकभी अंडमान पर पैर रखे. संभव है कि पोलो ने जो भी लिखा वो सब सुनी-सुनाई बातें थी.बहरहाल नार्थ सेंटिनल आइलैंड का पहला आधिकारिक जिक्र 1771 में मिलता है. जब ईस्टइंडिया कम्पनी का एक जहाज सर्वे करने के लिए यहां पहुंचा था. इन लोगों ने द्वीप परआग जली देखी लेकिन वहां उतरे नहीं.आधुनिक मनुष्य का पैर इस आइलैंड पर पड़ा साल 1867 में. तब भी एक मालवाहक जहाज द्वीपके किनारे क्रैश कर गया था. शिप से 86 लोग द्वीप पर उतरे. उन्हें द्वीप पर रहनेवालेआदिवासियों का कुछ पता नहीं था. 3 दिन बाद एक सुबह जब ये लोग नाश्ता कर रहे थे तबइन पर अचानक हमला हुआ. बड़ी मुश्किल से ये लोग जान बचाकर भागे और तब कंपनी के एकजहाज ने इन्हें रेस्क्यू किया था. देखिए वीडियो.