दिसंबर 1956 की बात है. ये हिंदी-चीनी भाई भाई का दौर था और चीन के प्रीमियर जोहइनलाई भारत के दौरे पर थे. यहां उनके कार्यक्रम में इंडियन स्टैटिस्टिकलइंस्टीट्यूट, कलकत्ता (ISI) की विजिट भी शामिल थी. आधे घंटे का कार्यक्रम ऐसा खिंचाकि इनलाई के और बहुत से अप्वॉइंटमेंट धरे के धरे रह गए थे. हुआ यूं कि ISI मेंइनलाई को एक प्रेसेंटेशन दिखाई गई. जिसमें डाटा को इकट्ठा करने और उसके एनालिसिस कातरीक़ा बताया गया था. इस प्रेज़ेंटेशन से इनलाई का दिमाग़ ऐसा घूमा कि वहीं टेबल परजम गए और बोले, जब तक मेरे सारे सवालों का जवाब नहीं मिल जाएगा, यहां से हिलूंगानहीं. ऐसा क्यों कह रहे थे इनलाई? देखिए वीडियो.