एक स्कूल है. अंदर बच्चे हैं. दीवारों पर हिन्दू देवी देवताओं की तस्वीरें हैं.कहीं रंगोली बनी है. कहीं भारतीय शास्त्रीय नृत्य की तस्वीरें. बाहर बोर्ड लगा है.लिखा है, जाम साहेब दिग्विजय सिंह जडेजा स्कूल. नाम से लगता है, गुजरात यामहाराष्ट्र का कोई स्कूल होगा. लेकिन नहीं. ये स्कूल भारत से 6 हजार किलोमीटर कीलम्बी दूरी पर बसे एक देश पोलेंड में स्थित है. और समय के माप में इससे भी लम्बी हैइसकी कहानी.कहानी उस महाराजा की, जिसने यूरोप से आए उन भूखे-प्यासे बच्चों को आसरा दिया.जिन्हें जर्मनी से बचाने के नाम पर सोवियत रूस ने भूखे मरने की हालत पर ला दिया था.जिन्हें न अमेरिका ने आसरा दिया, न ही ब्रिटेन ने. कौन थे ये बच्चे? कौन थे येमहाराजा? और क्या है इनकी पूरी कहानी. देखिए वीडियो.