किसी रोज़ घर से छाता लाना भूल जाएं, तो उस दिन तो बारिश होगी ही होगी. सिक्का गिरेगा तो सोफे के उस कोने तक पहुंच जाएगा जहां पहुंचने के लिए फर्श पर साष्टांग होना पड़े. खोई हुई पेन तब तक नहीं मिलेगी, जब तक नई पेन न ख़रीद लो. आम जिंदगी के हमारे ये कटु अनुभव मर्फी लॉ के उदाहरण है. देने वाले का पूरा नाम- एड्वर्ड मर्फी. मर्फी भैया एक इंजीनियर थे. प्लेन ठीक करने वाले. उन्होंने ये नियम दिया था. - जो कुछ भी गलत हो सकता है, होकर रहेगा. मर्फी ये बात प्लेन की सुरक्षा को लेकर कह रहे थे. मने प्लेन में जितने सिस्टम लगे होते हैं. उनमें जो कुछ गलत हो सकता है, एक दिन होगा. मर्फी की बात जीवन का सिद्धांत बन गई. हालांकि प्लेन हादसों में भी देखा गया कि ऐसा होता है. कभी एक चुम्बक ने गड़बड़ कर दी. कभी एक स्क्रू के चक्कर में पूरा इंजन फेल हो गया. आज जिस प्लेन हादसे की कहानी हम आपको सुनाने जा रहे हैं, उसका कारण कुछ ऐसा था कि मर्फी ने भी कभी कल्पना नहीं की होगी. कहानी अफ्रीका के एक देश की है, जहां बहुत सारे मगरमच्छ पाए जाते हैं. इस हुक के बाद अब चलिए जानते हैं पूरी कहानी. जानने के लिए देखें वीडियो.